अध्ययन: तय समय पर ही करें नियमित काम, बेहतर रहेगी दिल की सेहत; बुढ़ापा जीने में अहम है हृदय और चलने का तरीका
यदि इंसान रोजाना की शारीरिक गतिविधि निरंतरता के साथ एक ही वक्त पर करें तो यह उसकी कार्डियोरेस्पिरेटरी यानी हृदय और सांस से जुड़ी फिटनेस और चलने की क्षमता को बेहतर करता है। ये सेहत के साथ बुढ़ापा जीने के दो अहम पहलू हैं। यह खुलासा मेडिसिन एंड साइंस इन स्पोर्ट्स एंड एक्सरसाइज नामक पत्रिका में प्रकाशित शोध के नतीजों में हुआ है। यह बताता है कि हमारे शरीर की सर्कडियन लय या जैविक घड़ियां 24 घंटे की अवधि में किसी हमारी गतिविधियों को नियंत्रित करती हैं। इसमें सोने-जागने के चक्र सहित बड़े पैमाने पर शारीरिक और चयापचय का काम शामिल हैं। अमेरिका के फ्लोरिडा कॉलेज ऑफ मेडिसिन विश्वविद्यालय में प्रोफेसर और अध्यक्ष शोध के मुख्य लेखक कैरिन एस्सेर के मुताबिक, इंसान की प्रणाली में दैनिक लय पैदा करने वाली सर्कैडियन घड़ी उसके फायदे के लिए जरूरी और बेहद अहम हैं। ये भी पढ़ें:Point Nemo:धरती के आखिरी छोर पर भी तिरंगा भारतीय नौसेना की दो वीरांगनाओं की उपलब्धि बेमिसाल; जानिए सबकुछ शोध में शामिल हुए 800 बुजुर्ग शोध के लिए औसतन 76 साल की उम्र के 800 बुजुर्गों की कलाई पर उनकी गतिविधि की निगरानी के लिए खास उपकरण पहनाए गए थे। इनके जरिये इन उम्रदराज लोगों की शारीरिक गतिविधियों की एक हफ्ते तक निगरानी की गई। इसके तहत उनके हृदय और फेफड़ों की सेहत का मूल्यांकन कार्डियोपल्मोनरी (हृदय और फेफड़ों से जुड़ा) व्यायाम परीक्षण से किया गया। शारीरिक गतिविधि के वक्त की है अहमियत बड़ी शोध के नतीजों से पता चला कि जो बुजुर्ग प्रतिभागी सुबह जल्दी और नियमित समय पर सक्रिय रहते थे, उनकी दिल और फेफड़ों की क्षमता उन लोगों की तुलना में बेहतर थी जो देर से या अनियमित समय पर सक्रिय रहते थे। एसर के मुताबिक, हम पहले से जानते हैं कि शारीरिक सक्रियता उम्र बढ़ने में मददगार होती है। ये भी पढ़ें:BJP:गृह मंत्री अमित शाह दो दिवसीय बंगाल दौरे पर, स्थानीय नेता उत्साहित; कहा- अगले साल यहांभाजपासरकार बनेगी सक्रियता, नियमितता व आराम के चक्र का असर जिन बुजुर्गों की दिनचर्या में स्पष्ट सक्रियता के समय और आराम के समय का अंतर था यानी वे दिन में अधिक चलते-फिरते थे और रात को आराम करते थे, उनकी दिल-फेफड़ों की सेहत और चलने की क्षमता बेहतर पाई गई। वही जिन लोगों की हर दिन की गतिविधियों का समय लगभग एक जैसा था यानी दिन का वही हिस्सा हमेशा सबसे सक्रिय रहता था, उनके शारीरिक परिणाम अधिक अच्छे थे। यह शोध महज जिम वर्कआउट तक सीमित नहीं था। इसमें चहलकदमी, बागवानी, सफाई और खरीदारी जैसे रोजमर्रा के काम भी शामिल थे।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Jun 01, 2025, 07:20 IST
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