Mandsaur News: मानवता शर्मसार... जन्म के बाद नवजात को झाड़ियों के बीच खाई में फेंका, 13 घंटे बाद हो गई मौत
निर्दयी मां ने जन्म के बाद ही नवजात को सड़क किनारे स्थित खाई में झाड़ियों के बीच फेंक दिया। समीप स्थित खेत के मालिक व मजदूरों ने आवाज सुनी और मौके पर जाकर देखा तो नवजात बिना कपड़ों के कांटों व पत्थरों पर पड़ा था। नाल भी नहीं कटी थी। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और नवजात को तुरंत अस्पताल पहुंचाया। करीब 13 घंटे से तक संघर्ष करने के बाद आखिरकार मासूम जिंदगी की जंग हार गया। मामले में पुलिस ने अज्ञात महिला के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू की है। दअरसल, मंदसौर जिले के अफजलपुर थाना क्षेत्र के ग्राम झावल में गुरुवार को ममता को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया। सुबह 7:15 से 7:30 बजे के बीच सरपंच के मकान से 200 फीट दूर सड़क किनारे नाले में नवजात पड़ा मिला। खेत मालिक सत्यनारायण गुर्जर ने उसे देखा तो सरपंच लाला गुर्जर को सूचना दी। इसके बाद अफजलपुर पुलिस मौके पर पहुंची और डॉयल 100 से नवजात को जिला अस्पताल भिजवाया। ये भी पढ़ें:MP के इस गांव में सदियों से होली का खौफ, नहीं करते यह काम, जानें किस बात से डरे हुए हैं लोग खेत मालिक सत्यनारायण ने बताया कि सुबह गेहूं काटने के लिए खेत पर गए तो सड़क किनारे नाले में नवजात पड़ा मिला। तन पर कोई कपड़ा नहीं था और नाल भी नहीं कटी थी। मौके पर पहुंची पुलिस ने तुरंत बच्चे को उठाकर जिला चिकित्सालय पहुंचाया, लेकिन इलाज के दौरान नवजात ने दम तोड़ दिया। डॉग स्क्वाड की मदद ली अफजलपुर पुलिस ने निर्दयी मां का पता लगाने के लिए डॉग स्क्वाड की मदद ली। डॉग घटनास्थल से 10 मीटर आगे नहीं बढ़ा। आशंका है कि आरोपी वाहन से आए होंगे या किसी ने मदद की होगी। पुलिस आरोपियों का पता लगाने के लिए सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है। बीट प्रभारी एएसआई भेरुदास बैरागी ने बताया कि जब पुलिस मौके पर पहुंची, तब नवजात जीवित था। किसी अज्ञात महिला ने जन्म के तुरंत बाद उसे वहां छोड़ दिया और फरार हो गई। ये भी पढ़ें:सुबह 7 बजे से होली का धमाल, सड़कों पर उमड़ा रंगों का सैलाब, पर्यटन स्थलों पर भी जुट रही भीड़ प्री-मैच्योर था बच्चा, लंग्स भी सही से काम नहीं कर रहे थे जिला अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. अरविंद कुमार वर्मा ने बताया कि बच्चे को जन्म के तुरंत बाद अस्पताल लाया गया था। यहीं पर क्रॉड कट की गई और तत्काल उपचार शुरू किया गया। सीपीआर मशीन और वेंटिलेटर पर रखने के बावजूद उसे बचाया नहीं जा सका। डॉ. वर्मा के अनुसार, नवजात प्री-मैच्योर था और उसका 7 महीने में ही जन्म हुआ था। उसका वजन सिर्फ 1.2 किलोग्राम था, लंग्स सही से काम नहीं कर रहे थे। सायनोसिस सहित अन्य शारीरिक जटिलताओं के कारण बच्चा सर्वाइव नहीं कर पाया। पुलिस को जानकारी दे दी गई है और पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की मदद ली जा रही एसडीओपी कीर्ति बघेल ने बताया कि नवजात को जिला अस्पताल भेजा गया था, लेकिन को उसकी मृत्यु हो गई। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। ग्राम झावल, टांकेड़ा और आसपास के क्षेत्रों की आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की मदद ली जा रही है। पुलिस हर पहलू की गहनता से जांच कर रही है।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Mar 14, 2025, 09:22 IST
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