HP News: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने कहा- पकड़े जाने के आधार लिखित में न बताने पर गिरफ्तारियां अवैध नहीं
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने उन सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है, जिसमें याचिकाकर्ताओं ने दावा किया था कि उनकी गिरफ्तारी संविधान के अनुच्छेद 22(1) का उल्लंघन करते हुए अवैध थी, क्योंकि उन्हें गिरफ्तारी के आधार तत्काल लिखित में नहीं बताए गए थे। न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि याचिकाकर्ताओं की गिरफ्तारी को अवैध नहीं ठहराया जा सकता। हाल ही में आए सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले को भविष्य में लागू माना गया है। अदालत में 29 याचिकाकर्ताओं ने अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए रिहाई की मांग की थी, उनका तर्क था कि गिरफ्तारी के समय उन्हें इसके कारण नहीं बताए गए, जो संविधान के अनुच्छेद 22(1) का उल्लंघन है। उच्च न्यायालय ने अपने निर्णय में सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले मिहिर राजेश शाह बनाम महाराष्ट्र राज्य और अन्य का उल्लेख किया। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ्तारी के आधारों की सूचना देना सभी अपराधों और सभी कानूनों के तहत अनिवार्य किया है। गिरफ्तारी के आधार लिखित रूप में और उस भाषा में बताए जाने चाहिए जिसे गिरफ्तार व्यक्ति समझता हो। यदि तुरंत लिखित में बताना संभव न हो, तो मौखिक रूप से बताया जाए, लेकिन मैजिस्ट्रेट के सामने रिमांड के लिए पेश करने से कम से कम दो घंटे पहले लिखित आधार उपलब्ध कराए जाने चाहिए। इन निर्देशों का पालन न होने पर गिरफ्तारी और बाद का रिमांड अवैध हो जाएगा और व्यक्ति रिहा होने का हकदार होगा।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Nov 20, 2025, 20:14 IST
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