हॉकी के 100 साल: 80 के दशक में हॉकी की सीनियर-जूनियर वर्ग की राष्ट्रीय टीम में थे काशी के आठ खिलाड़ी

काशी अस्सी के दशक में हॉकी में अपना दबदबा बना चुका था। उस दौरा में आलम यह था कि यहां के आठ खिलाड़ी भारतीय हॉकी की सीनियर व जूनियर की राष्ट्रीय टीम में शामिल होकर अपने खेल से जिले का परचम लहरा रहे थे। शिवपुर विधानसभा के एक ही परिवार के दो पीढि़यों के चार खिलाड़ी टीम में शामिल थे। 70 के दशक में काशी के हॉकी खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी चमक बिखेरनी शुरू कर दी थी। अस्सी के दशक आते-आते भारतीय हॉकी की सीनियर टीम में काशी आठ खिलाड़ी खेल रहे थे। उस दौर में एक समय ऐसा भी आया जब पंजाब की हॉकी टीम को एक छोटे से जिले के खिलाड़ियों ने चुनौती दी थी। खेल शिक्षक आनंद श्रीवास्तव बताते हैं कि वाराणसी के पहले अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी बनने का खिताब आदमपुर के मूल निवासी फूलपुर में रहने वाले भगवान दास के नाम है। इसके बाद गोपाल शर्मा जिन्हें बंगाल टाईगर के नाम से जाता था। इनके अलावा सदर बाजार के मोहम्मद फहीम, ओलंपियन मोहम्मद शाहिद, वरुणा पुल निवासी मोहम्मद नईम (भारतीय टीम के कप्तान) टीम में रहे। इसके बाद नागेंद्र सिंह, ओलंपियन विवेक सिंह, सुनील सेठ, अनिल शर्मा, शैलेंद्र सिंह (गोलकीपर), जफर अब्बास, प्रशाांत सिंह, अर्दली बाजार निवासी प्रवीण सिंह, ओलंपियन राहुल सिंह, अंबुज श्रीवास्तव (गोलकीपर), बरेका के रवि सिंह, वरुणा पुल निवासी मोहम्मद सलीम ने भारतीय हॉकी की सीनियर वर्ग की टीम में खेला।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Nov 07, 2025, 20:30 IST
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