Himachal Vidhansabha Session: कुलदीप सिंह पठानिया बने हिमाचल प्रदेश विधानसभा के 16वें अध्यक्ष

भटियात विधानसभा क्षेत्र से पांचवीं बार के विधायक कुलदीप सिंह पठानिया को हिमाचल प्रदेश विधानसभा का 16वां अध्यक्ष चुना गया है।हिमाचल प्रदेश की चौदहवीं विधानसभा के शीत सत्र के दूसरे दिन गुरुवार को सदन में 11 बजे के बाद तीन प्रस्ताव कुलदीप सिंह पठानिया को विधानसभा अध्यक्ष बनाने के लिए रखे गए। इस दौरान प्रोटेम स्पीकर चंद्र कुमार ने सदन की कार्यवाही का संचालन किया। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने पहला प्रस्ताव पेश किया कि कुलदीप सिंह पठानिया विधानसभा अध्यक्ष होंगे। इसका अनुमोदन नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने भाजपा विधायक दल की ओर से किया। दूसरा प्रस्ताव उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने पेश किया। इसका अनुमोदन शिलाई के विधायक हर्षवर्धन चौहान ने किया। इसके बाद सोलन के कांग्रेस विधायक धनीराम शांडिल ने तीसरा प्रस्ताव पेश किया। इसका अनुमोदन सुलाह के विधायक और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने किया। प्रस्ताव पारित होने के बाद कुलदीप सिंह पठानिया को सुक्खू और जयराम ठाकुर ने आसान पर बिठाया। भटियात से पांचवीं बार के विधायक कुलदीप सिंह पठानिया ने अपना पहला चुनाव वर्ष 1985, दूसरा 1993, तीसरा 2003 और चौथा चुनाव 2007 में जीता थे। चंबा से कुलदीप पठानिया के रूप में मिला चौथा विधानसभा अध्यक्ष विधानसभा के अध्यक्ष पद काबिज होने वाले पहले विधायक जयबंत राम उपमन्यु के बाद अब करीब 70 वर्ष बाद भटियात विधानसभा क्षेत्र से ताल्लुक रखने वाले कांग्रेस विधायक कुलदीप सिंह पठानिया अध्यक्ष पद पर विराजमान हुए हैं। जिला चंबा की बात की जाए तो जयबंत कुमार उपमन्यु, देशराज महाजन, पंडित तुलसीराम के बाद अब कुलदीप सिंह पठानिया 14 वीं विधानसभा के अध्यक्ष बने हैं। 26 वर्ष की आयु में कुलदीप सिंह पठानिया ने वर्ष 1985 में अपना पहला विधानसभा चुनाव कांग्रेस पार्टी की ओर से लड़ा और भाजपा के प्रत्याशी शिव कुमार उपमन्यु को पटकनी देते जीत दर्ज की। कुलदीप सिंह पठानिया ने अब तक नौ विधानसभा चुनाव लड़े हैं। इसमें दो मर्तबा उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा। वर्ष 1990 में विधानसभा चुनाव आए में भारतीय जनता पार्टी ने देश व्यापी समझौता करते हुए एलान किया कि बीजेपी कांग्रेस पार्टी के सिटिंग एमएलए को टिकट देकर चुनावी रण में उतारेगी। उसके बाद कांग्रेस ने शिव कुमार उपमन्यु को कांग्रेस से टिकट देकर चुनावों में उतार दिया। वर्ष 1994 में कुलदीप सिंह पठानिया ने बतौर आजाद प्रत्याशी चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। पठानिया के चुनाव जीतने पर लोगों में वर्ष 1995 से 1997 तक यह धारणा बन गई कि अब उन्हें कोई हरा नहीं सकता है। विधानसभा चुनाव 1998 में चंबा से किशोरी लाल वैदय भटियात विस क्षेत्र आ गए। यह चुनाव कुलदीप सिंह पठानिया हार गए।किशोरी लाल वैद चुनाव जीतने के बाद उद्योग मंत्री बने। वर्ष 2012 और 2017 का चुनाव भी कुलदीप सिंह पठानिया हार गए। लेकिन,चुनाव में मिली हार के दूसरे ही दिन से वह फील्ड में डट गए। अपनी मेहनत के बलबूते ही कुलदीप सिंह पठानिया ने 2022 के चुनाव में जीत दर्ज की। सदन में हंगामे के आसार विधानसभा के शीत सत्र के दूसरे दिन गुरुवार को भी सदन में हंगामे के आसार हैं। सदन की कार्यवाही की शुरुआत विधानसभा अध्यक्ष की चुनाव की प्रक्रिया से होगी। इसके बाद राज्यपाल का अभिभाषण होगा। इस अभिभाषण में राज्यपाल प्रदेश सरकार की उपलब्धियां बताएंगे। अभिभाषण के दौरान और उसके बाद सदन में हंगामे के आसार हैं।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 05, 2023, 10:48 IST
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