Himachal News: आंखों में तैरे आपदा के जख्म, निकल आए आंसू; गमोहू की गणपतू और मंजेहड़ा की सविता हुईं भावुक
मुख्यमंत्री के हाथों आपदा राहत की पहली किस्त लेने मंडी के पड्डल मैदान पहुंचे प्रभावितों के आंसू छलक आए। आपदा के कहर में अपनों को खो चुके लोगों की याद जहां रह-रहकर आई, वहीं ध्वस्त आशियानों का मंजर प्रभावितों की आंखों के सामने घूमता रहा। सगे संबंधियों ने ढांढस बंधाकर उनको हिम्मत दी। प्रभावितों ने बताया कि सरकार से मिलने वाली राहत से अब दोबारा वह अपने घर बना पाएंगे। सुंदरनगर के गमोहू की बुजुर्ग महिला गणपतू की आंखें पड्डल मैदान में पहुंचते ही नम हो गईं। 75 वर्षीय गणपतू ने बताया कि उस शाम अन्य दिनों की तरह वह अपने परिवार के सदस्यों के साथ घर में मौजूद थीं। करीब छह और सात बजे के बीच अचानक उनका घर और जमीन धंसना शुरू हो गई। किसी तरह परिवार के सदस्यों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। बेटा प्रभ राम पेंट का कार्य करता है। अब उनके पास अपना घर तक नहीं है। प्रभ राम ने बताया कि वह अपनी मां, पत्नी व बच्चों के साथ अपने चाचा के घर में रहने को मजबूर है। सरकार से जो मदद अब प्राप्त होगी, उससे वह दोबारा घर बनाएंगे। सुंदरनगर के मंजेहड़ा गांव की आपदा प्रभावित सविता देवी की आंखों से भी आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। सविता ने बताया कि इस साल फरवरी में उन्होंने छह कमरों का मकान बनाया था। परिवार के साथ खुशी से नए मकान में रह रही थी। शायद भगवान को यह मंजूर नहीं था। बरसात में भूस्खलन की चपेट में आने से नया मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। सास और अपने बच्चों के साथ अपने रिश्तेदार के घर में गुजर बसर कर रही हूं। घर बनाने के लिए कोई सुरक्षित जमीन उनके पास शेष नहीं रही है।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Nov 10, 2025, 17:42 IST
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