Himachal: हाईकोर्ट ने कहा- अधिसूचना के बिना किसी को अतिक्रमण के लिए उत्तरदायी नहीं ठहराया जा सकता
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की ओर से दायर आपराधिक पुनरीक्षण याचिका को खारिज करते हुए कहा है कि भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 33 के तहत किसी व्यक्ति को तब तक दोषी नहीं ठहराया जा सकता जब तक कि संबंधित वन को विधिवत अधिसूचित न किया गया हो और उस अधिसूचना का प्रचार स्थानीय लोगों के बीच न किया गया हो। अदालत ने कहा कि जब आरोपपत्र में यह स्पष्ट करने के लिए कोई अधिसूचना नहीं दी गई हो कि अतिक्रमण की गई भूमि आरक्षित वन है, तो किसी व्यक्ति को भारतीय वन अधिनियम के तहत उत्तरदायी नहीं ठहराया जा सकता। न्यायाधीश राकेश कैंथला ने कहा कि आरोप पत्र में इस बात का उल्लेख नहीं है कि कोई अधिसूचना जारी की गई थी कि जिस जंगल में अतिक्रमण किया गया था, वह आरक्षित वन था।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Aug 27, 2025, 11:38 IST
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