Himachal Pradesh: आम दिखने वाली सूजन हो सकती है कैंसर, 77 फीसदी मामलों में डॉक्टरों की शुरुआती पहचान हुई गलत

अगर चेहरे, सिर या शरीर के किसी हिस्से पर कोई गांठ, तिल या सूजन लंबे समय से बनी हुई है और आपने उसे अब तक मामूली समझकर नजरअंदाज किया है, तो यह खबर आपके लिए चेतावनी है। इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) शिमला के दो साल की विस्तृत क्लिनिको-पैथोलॉजिकल शोध में यह खुलासा हुआ है कि ऐसे सामान्य दिखने वाले ट्यूमर क्यूटेशियस एकनेक्सल ट्यूमर्स (कैट्स) हो सकते हैं, जिनमें से कुछ घातक कैंसर का रूप भी ले सकते हैं। इस शोध के तहत 2019 से 2022 तक कुल 1548 त्वचा से संबंधित बायोप्सी मामलों का विश्लेषण किया गया। इनमें से 44 केस कैट्स के निकले, जिनमें से तीन ट्यूमर मैलिग्नेंट, यानी कैंसर पाए गए। चौंकाने वाली बात यह रही कि 77 प्रतिशत मामलों में डॉक्टरों की शुरुआती पहचान गलत साबित हुई। त्वचा में कैंसर की पुष्टि आमतौर पर बायोप्सी के जरिए की जाती है, जिसमें संदेहास्पद गांठ या त्वचा के हिस्से का एक छोटा टुकड़ा निकालकर सूक्ष्मदर्शी (माइक्रोस्कोप) से उसका परीक्षण किया जाता है। शोध में भी मरीजों की गांठों की पहचान के लिए यही प्रक्रिया अपनाई गई। पहले मरीज की त्वचा पर मौजूद गांठ का क्लिनिकल निरीक्षण किया गया। संदेह होने पर उसे बायोप्सी के लिए भेजा गया। यह टिश्यू सैंपल फॉर्मलिन में संरक्षित कर पैथोलॉजी विभाग में भेजा गया, जहां उसे विशेष रंजक जैसे हेमाटॉक्सिलिन और ईओसिन से रंगा गया और फिर माइक्रोस्कोप से उसका सेलुलर ढांचा देखा गया। इस प्रक्रिया से यह पता चला कि कई मामूली दिखने वाली गांठें वास्तव में कैंसर थीं।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Apr 30, 2025, 19:33 IST
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