High Court:20 साल पुराने मामले में सुस्त ट्रायल पर हाईकोर्ट ने लगाई फटकार, कहा- एक माह में कार्यवाही पूरी करें
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुस्त कार्यवाही पर ट्रायल कोर्ट को फटकार लगाई है। कहा कि 73 वर्षीय वरिष्ठ नागरिक के खिलाफ लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के तहत चल रहे 20 साल पुराने आपराधिक मामले का ट्रायल एक माह में पूरा किया जाए। निर्देशों का पालन न करने पर न्यायिक अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। यह आदेश न्यायमूर्ति विवेक कुमार सिंह की पीठ ने श्रीश कुमार मालवीय की अर्जी पर दिया है। प्रयागराज के इंडस्ट्रियल एरिया थाना में श्रीश कुमार मालवीय के खिलाफ 17 अगस्त 2005 को लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। 09 फरवरी 2012 को आरोप तय किए गए। याची नियमित रूप से पिछले 13 साल से अदालत में पेश हो रहा है लेकिन अभियोजन पक्ष का एक भी गवाह गवाही देने नहीं आया है। हाईकोर्ट ने रिकॉर्ड के अवलोकन में पाया कि ट्रायल कोर्ट केवल अभियोजन पक्ष के मौखिक अनुरोधों पर अनावश्यक रूप से स्थगन दे रही है। साक्ष्य प्राप्त करने के लिए कोई कार्यवाही नहीं की गई। कोर्ट ने इसे एक बहुत ही गंभीर मामला बताया। कहा कि प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि ट्रायल कोर्ट अपने कर्तव्य के निर्वहन में सुस्त है। उक्त मामले में अधिकतम सजा केवल छह महीने की कैद या जुर्माना है, फिर भी आवेदक को 20 वर्षों से परेशान किया जा रहा है। ट्रायल कोर्ट को निर्देश दिया है कि वह इस आदेश की प्रमाणित प्रति प्रस्तुत होने की तारीख से एक माह के भीतर ट्रायल समाप्त करे। एक महीने के बाद इस न्यायालय को यह सूचित किया जाए कि ट्रायल पूरा हुआ या नहीं। अगली सुनवाई 06 जनवरी 2026 को निर्धारित की गई है। अभियुक्त का मौलिक अधिकार है त्वरित ट्रायल न्यायालय ने कहा कि त्वरित ट्रायल का अधिकार एक अभियुक्त का मौलिक अधिकार है, जो भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 का एक अभिन्न अंग है। इस अधिकार में न केवल अदालती कार्यवाही बल्कि जांच की अवधि भी शामिल है। न्यायालय ने पाया कि इस मामले में देरी के लिए अभियुक्त जिम्मेदार नहीं है, बल्कि अभियोजन पक्ष तारीखें मांग रहा था और ट्रायल कोर्ट उदारतापूर्वक उन्हें अनुमति दे रहा था।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Nov 26, 2025, 12:43 IST
High Court:20 साल पुराने मामले में सुस्त ट्रायल पर हाईकोर्ट ने लगाई फटकार, कहा- एक माह में कार्यवाही पूरी करें #CityStates #Prayagraj #AllahabadHighCourt #HighCourtAllahabad #SloTril #AllahabadHighCourtJudgesList #SubahSamachar
