30 साल पुराना हत्या मामला:ओम प्रकाश चौटाला के बेटे की शादी...गोली लगने से किशोर की मौत, हाईकोर्ट का बड़ा फैसला

30 साल पुराने हत्या के बहुचर्चित मामले में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने बड़ी राहत देते हुए तीन दोषियों को दोषमुक्त करार दिया है। बठिंडा सत्र न्यायालय ने इन तीनों को हत्या का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इस मामले में प्रमुख अभियुक्त ओम प्रकाश की मौत पहले ही हो चुकी है। मामला 26 फरवरी 1995 का है जब सिरसा के गांव चौटाला में ओम प्रकाश के बेटे की शादी थी। इस दौरान गोली लगने से 13 वर्षीय छात्र जीत राम की मौत हो गई थी। प्रारंभिक जांच में इसे दुर्घटनावश गोली चलने का मामला माना गया और पुलिस ने अनट्रेस रिपोर्ट फाइल कर दी। पुलिसस की इस रिपोर्ट को मजिस्ट्रेट ने 1996 में स्वीकार कर लिया। करीब साढ़े तीन साल बाद मृतक के पिता मदनलाल ने अक्टूबर 1999 को पुलिस को शिकायत देकर दावा किया कि उनके बेटे की हत्या की गई थी। न्यायालय ने पाया कि इस मामले में दो गवाह न केवल ओम प्रकाश चौटाला के करीबी थे, बल्कि इनके और आरोपियों के बीच पहले से रंजिश भी थी। गवाहों ने यह भी स्वीकार किया कि उन्होंने उस समय तक कुछ नहीं कहा जब तक ओम प्रकाश चौटाला जुलाई 1999 में हरियाणा के मुख्यमंत्री नहीं बने। अदालत ने इसे राजनीतिक हस्तक्षेप और दुश्मनी का संकेत माना। मामला हाई प्रोफाइल था इसलिए हाईकोर्ट के आदेश पर इस केस का ट्रायल हरियाणा से पंजाब के बठिंडा की अदालत में भेज दिया गया था। हाईकोर्ट ने कहा कि अभियोजन की कहानी निर्विवाद और विश्वसनीय नहीं है। प्रमुख गवाहों का देरी से सामने आना, उनकी राजनीतिक संबद्धता तथा वैज्ञानिक व चिकित्सकीय प्रमाणों के साथ विरोधाभास सभी इस बात की ओर संकेत करते हैं कि अभियुक्तों को फंसाया गया। कोर्ट ने सत्र न्यायालय बठिंडा का 04 फरवरी 2004 का दोषसिद्धि आदेश रद्द करते हुए तीनों अभियुक्तों मनोज कुमार सिहाग, संजय सिहाग और संदीप सिहाग को दोषमुक्त करार देकर बरी कर दिया।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jul 10, 2025, 14:06 IST
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