चिड़िया बोली, 'प्यार का शब्दों से क्या सरोकार है?

सरल शब्दों की धीर-गंभीर कविता कहने में छायावाद के प्रमुख स्तंभ कवि हरिवंश राय बच्चन ने एक नया अध्याय हिंदी साहित्य में जोड़ा था। मधुशाला तो उनकी जगप्रसिद्ध कविता है। इसके अलावा उन्होंने हिंदी साहित्य को अपनी काव्य प्रतिभा का विपुल भंडार दिया है। अजर-अमर गीतों के रचयिता हरिवंश राय बच्चन ने सरल शब्दों में गहरे भाव वाली कई कविताएं लिखी हैं। प्रसतुत है हरिवंश राय बच्चन की 2 चुनिंदा कविताएं- मैंने चिड़िया से कहा, 'मैं तुम पर एक कविता लिखना चाहता हूं।' चिड़िया ने मुझसे पूछा, ' तुम्हारे शब्दों में मेरे परों की रंगीनी है' मैंने कहा, 'नहीं।' 'तुम्हारे शब्दों में मेरे कंठ का संगीत है ' 'नहीं।' 'तुम्हारे शब्दों में मेरे डैनों की उड़ान है ' 'नहीं।' 'जान है' 'नहीं।' 'तब तुम मुझ पर कविता क्या लिखोगे ' मैंने कहा, 'पर तुमसे मुझे प्यार है।' चिड़िया बोली, 'प्यार का शब्दों से क्या सरोकार है' एक अनुभव हुआ नया । मैं मौन हो गया !

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 17, 2020, 19:42 IST
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