Kangra News: बंजर जमीन पर की मेहनत तो दोगुनी हुई बरकत
लंबागांव (कांगड़ा)। नौकरियों की ओर भाग रहे युवाओं के लिए जयसिंहपुर क्षेत्र के बागकुल्जा गांव के रवि कुमार (35) ने एक अनूठी मिसाल पेश की है। उन्होंने बंजर पड़ी पैतृक जमीन पर कड़ी मेहनत और लगन से खेती शुरू की और यह साबित कर दिखाया कि दृढ़ इच्छाशक्ति हो तो बंजर जमीन भी खुशहाली का द्वार खोल सकती है और बरकत दोगुनी हो सकती है।रवि कुमार पहले जालंधर के एक मेडिकल कॉलेज में मात्र 20 हजार रुपये महीना वेतन पर नौकरी करते थे। इससे रवि को घर का खर्च चलाना मुश्किल था। करीब एक वर्ष पहले उन्होंने नौकरी छोड़कर ब्यास नदी के किनारे स्थित अपनी बेकार पड़ी बंजर भूमि को उपजाऊ बनाने का फैसला किया।शुरुआत में रवि ने अपनी जेब से खर्च किया। इसके बाद सरकारी अनुदान पर जमीन की फेंसिंग (बाड़बंदी) करवाई। कृषि विभाग ने भी इस दौरान सहयोग दिया। इसके बाद जहां कभी झाड़ियां उगती थीं, वहां अब हरी-भरी सब्जियां लहलहाने लगी हैं। मौजूदा समय में रवि कुमार अपनी इसी सब्जी की खेती से प्रति माह 40 से 50 हजार रुपये तक का शुद्ध लाभ कमा रहे हैं।रवि की इस सफलता ने आसपास के किसानों को भी खेती-बाड़ी की ओर लौटने के लिए प्रेरित किया है। रवि कुमार का कहना है कि खेती कभी घाटे का सौदा नहीं होती, बस इच्छाशक्ति होनी चाहिए।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Dec 07, 2025, 18:29 IST
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