Kullu News: 33 वर्षों में 178 प्रतिशत बढ़ा ग्येपांग झील का आकार
केलांग (लाहौल-स्पीति)। घाटी में झीलों के आकार से बढ़ी ग्लेशियल लेक आउटबर्स्ट फ्लड की आशंका को रोकने के लिए बैठक हुई जिसकी अध्यक्षता उपायुक्त किरण भड़ाना ने की। इसमें सड़क सीमा संगठन (बीआरओ) के अधिकारियों सहित विभिन्न विभागों और प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे। इसमें जिला को आपदा मुक्त बनाने को लेकर चर्चा की गई। उपायुक्त ने बताया कि इस पहल के अंतर्गत पुणे स्थित सी-डैक टीम द्वारा ग्येपांग झील क्षेत्र में अर्ली वार्निंग सिस्टम (पूर्व चेतावनी प्रणाली) स्थापित की जाएगी जिससे संभावित आपदाओं की जानकारी समय रहते मिल सके।साथ ही जल शक्ति विभाग के माध्यम से हाई फ्लड लेवल मार्किंग का कार्य किया जाएगा ताकि जलस्तर में वृद्धि की स्थिति में खतरे के स्तर का भी पता लगाया जा सके। इसके अतिरिक्त सभी संवेदनशील गांवों के लिए निकासी एवं बचाव योजनाएं तैयार की जाएंगी जिससे किसी भी आपदा की स्थिति में जनहानि एवं संपत्ति की हानि को न्यूनतम किया जा सके।उन्होंने बताया कि वैज्ञानिक आंकड़ों के अनुसार ग्येपांग झील का आकार 33 वर्षों में लगभग 178 प्रतिशत तक बढ़ गया है जिससे क्षेत्र में ग्लेशियर लेक आउटबर्स्ट फ्लड जैसी घटनाओं का खतरा बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से क्षेत्र में जलवायु परिर्वतन के कारण ग्लेशियल झीलों का आकार बढ़ रहा है इसको देखते हुए तैयार रहना होगा। उपायुक्त ने कहा कि लाहौल-स्पीति जैसा संवेदनशील जिला जलवायु परिवर्तन और ग्लेशियल झीलों के बढ़ते आकार से प्रभावित हो रहा है। हमें वैज्ञानिक दृष्टिकोण, तकनीकी सहयोग और जनसहभागिता के माध्यम से ऐसी आपदाओं से निपटने के लिए तैयार रहना होगा।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Oct 28, 2025, 23:26 IST
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