Green Energy: हरित हाइड्रोजन उद्योग को 180 अरब रुपये का मिल सकता है प्रोत्साहन, आगामी बजट में हो सकती है घोषणा

देश को प्रमुख निर्यातक बनाने के लिए सरकार हरित हाइड्रोजन उद्योग को 2.2 अरब डॉलर (180 अरब रुपये) का प्रोत्साहन दे सकती है। तीन सूत्रों ने बताया कि सरकार इसके लिए एक कार्यक्रम बना रही है। इससे न सिर्फ कार्बन उत्सर्जन में कटौती करने में मदद मिलेगी बल्कि हरित हाइड्रोजन की लागत भी कम की जा सकेगी। अमेरिका और यूरोपीय संघ हरित हाइड्रोजन परियोजनाओं के लिए पहले ही अरबों डॉलर का प्रोत्साहन दे चुके हैं। सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी एवं अक्षय ऊर्जा क्षेत्र के प्रबंधन ने बताया कि एक फरवरी, 2023 को पेश होने वाले 2023-24 के आम बजट में 180 अरब के प्रोत्साहन की घोषणा हो सकती है। इसका मकसद पांच साल में हरित हाइड्रोजन की उत्पादन लागत को 80% तक कम करना है। अभी यह लागत 300 से 400 रुपये प्रति किलो है। सरकार ने फरवरी में घोषणा की थी कि 2030 तक भारत सालाना 50 लाख टन हरित हाइड्रोजन का उत्पादन करेगा। 80% तक उत्पादन लागत घटाना है लक्ष्य सूत्रों ने बताया कि सरकार हरित हाइड्रोजन प्रस्ताव को स्ट्रेटजिक इंटरवेंशन फॉर ग्रीन हाइड्रोजन ट्रांजिशन का नाम दे सकती है। इसके तहत मिलने वाले 180 अरब रुपये के प्रोत्साहन में से 45 अरब रुपये का खर्च अगले पांच साल के लिए इलेक्ट्रोलाइजर विनिर्माण पर किया जा सकता है। बाकी 135 अरब रुपये का इस्तेमाल अगले तीन साल के लिए हरित हाइड्रोजन और हरित अमोनिया के उत्पादन पर किया जा सकता है। उद्योग कर सकता है 8 लाख करोड़ निवेश एक अन्य अधिकारी ने कहा, सरकार को उम्मीद है कि उद्योग 2030 तक हरित हाइड्रोजन व हरित अमोनिया में 8 लाख करोड़का निवेश करेगा। भारत ने 70% उत्पादन द.कोरिया, जापान, यूरोपीय संघ को बेचने का लक्ष्य रखा है। सरकार का मानना है कि 2030 तक दुनिया में हरित हाइड्रोजन की मांग 7.5 करोड़ टन से बढ़कर 10 करोड़ टन पहुंच जाएगी। इन कंपनियों की बड़ी योजना देश की बड़ी कंपनियों ने हरित हाइड्रोजन क्षेत्र में बड़े स्तर पर निवेश की योजना बनाई है। इनमें रिलायंस इंडस्ट्रीज, इंडियन ऑयल, एनटीपीसी, अदाणी इंटरप्राइजेज, जेएसडब्ल्यू एनर्जी और एक्मे सोलर आदि शामिल हैं। अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी ने जून में कहा था कि वह फ्रांस की टोटल एनर्जी के साथ मिलकर दुनिया का सबसे बड़ा हरित हाइड्रोजन इकोसिस्टम बनाएंगे। स्टार्टअप : नए साल में मिलेगा अच्छा-खासा निवेश सरकार के कदमों से देश की स्टार्टअप कंपनियां नए साल यानी 2023 में अच्छा-खासा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) हासिल करेंगी। उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव अनुराग जैन ने मंगलवार को कहा, घरेलू स्टार्टअप जिस तरह प्रदर्शन कर रहे हैं, भारत जल्द दुुनिया का शीर्ष पारिस्थितिकी तंत्र बन जाएगा। 30 नवंबर तक 84,000 से अधिक स्टार्टअप को मान्यता दी गई है। भारत में एफडीआई नीतियां सबसे अधिक उदार हैं। बहुत कम क्षेत्र में विदेशी निवेश के लिए सरकारी मंजूरी की जरूरत है। 93 वैकल्पिक निवेश कोषों को एफएफएस के तहत 7,528 करोड़ रुपये दिए गए हैं।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Dec 28, 2022, 05:51 IST
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