USA-India: फिर लटक सकता है भारत में अमेरिकी राजदूत की नियुक्ति का मामला, गार्सेटी के नाम पर शुरू हुआ विरोध
भारत में जनवरी 2021 से कोई भी अमेरिका का स्थायी राजदूत नहीं है। इसको लेकर दोनों देशों के कई सांसद और नेता सवाल खड़े कर चुके हैं। अब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भारत में अमेरिकी राजदूत के रूप में एरिक गार्सेटी का नाम प्रस्तावित किया है। इस हफ्ते आठ मार्च को इस प्रस्ताव को अमेरिकन सीनेट की विदेश संबंध समिति के सामने वोटिंग के लिए रखा जाएगा। यहां से पास होने के बाद एरिक भारत में अमेरिका के स्थायी राजदूत बन जाएंगे। हालांकि, अब इसको लेकर भी विवाद शुरू हो गया है। प्रभावशाली रिपब्लिकन सीनेटर चक ग्रासले ने सोमवार को सीनेट की विदेश संबंध समिति के सदस्यों से भारत में अमेरिकी राजदूत के रूप में एरिक गार्सेटी के नामांकन के खिलाफ मतदान करने का आग्रह किया है। ग्रासले ने क्या कहा आयोवा से 88 साल की रिपब्लिकन सीनेटर चक ग्रासले ने कहा, 'तथ्य और सबूत मुझे गार्सेटी के नामांकन का विरोध करने के लिए मजबूर करते हैं। मुझे आशा है कि मेरे सहयोगी भी ऐसा करने में मेरा साथ देंगे।' ग्रासले ने गार्सेटी के लॉस एंजिल्स के मेयर रहते उनके डिप्टी पर लगे यौन दुराचार का मुद्दा उठाया। तब गार्सेटी पर उनके एक प्रमुख कर्मचारी ने यौन दुराचार का आरोप लगाया था। ये पहली बार नहीं है तब गार्सेटी को भारत का स्थायी राजदूत नियुक्त करने के लिए जो बाइडेन ने प्रस्तावित किया है। इसके पहले भी वह ऐसा कर चुके हैं। हालांकि, तब भी ग्रासले ने मुख्य रूप से गार्सेटी के नामांकन का विरोध किया था। ग्रासले ने कहा, 'सबूत स्पष्ट हैं कि जैकब्स (गारसेटी के डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ) वर्षों से घोर यौन दुराचार और नस्लवादी व्यवहार में लिप्त थे। सबूत स्पष्ट हैं कि मेयर गार्सेटी को या तो इसका प्रत्यक्ष ज्ञान था या बचाव के लिए जानबूझ कर वह इस मामले से अनजान बने रहे। पिछले हफ्ते सीनेटर मार्को रुबियो ने गार्सेटी के नामांकन पर रोक लगा दी थी। जिसके बाद राष्ट्रपति जो बाइडेन ने जनवरी में गार्सेटी को उसी पद पर फिर से नामांकित किया। सीनेट की प्रवर समिति के उपाध्यक्ष रुबियो ने कहा, 'इनमें से एक उम्मीदवार ने अपने पूर्व कार्यालय में विश्वसनीय यौन उत्पीड़न के आरोपों को नजरअंदाज किया है। मैं इन बेतुके नामांकनों पर आंख नहीं बंद कर लूंगा, जिससे अमेरिका का पतन तेज होगा।' हालांकि, व्हाइट हाउस को गार्सेटी पर पूरा भरोसा है। पिछले हफ्ते व्हाइट हाउस के प्रवक्ता ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि गार्सेटी भारत में अमेरिकी राजदूत के रूप में काम करने के योग्य हैं। व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव काराइन जीन-पियरे ने कहा, 'एरिक गार्सेटी को द्विदलीय तरीके से (सीनेट की विदेश संबंध समिति) से बाहर कर दिया गया था। तो स्पष्ट रूप से, उन्हें द्विदलीय समर्थन मिला है, जो इस प्रक्रिया में बहुत महत्वपूर्ण है। हम सीनेट को उनके नामांकन के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करते हैं और आगे देखते हैं।' एरिक के करीबी पर लगा है यौन उत्पीड़न का आरोप एरिक गार्सेटी के करीबी रिक जैकब्स पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगे हैं। जुलाई 2021 में भारत में अमेरिका का स्थायी राजदूत के रूप में गार्सेटी का नाम प्रस्तावित किया गया था। विदेश संबंध समिति के पास ये प्रस्ताव आया तो विरोध के चलते इसपर फैसला नहीं हो पाया। 50 साल के गार्सेटी बाइडेन के चुनावी अभियान के सह अध्यक्ष रहे हैं। वह आज भी राष्ट्रपति के सबसे करीबी और अहम राजनीतिक साथी हैं। माना गया था कि वह बाइडेन की कैबिनेट में शामिल हो सकते हैं। लेकिन रिक जैकब्स विवाद के सामने आने के बाद उनका यह मौका खत्म हो गया। नौ जनवरी 2020 को गार्सेटी ने डेमोक्रेटिक पार्टी के नॉमिनेशन के लिए बाइडेन को एंडोर्स किया था। हालांकि साल 2017 तक गार्सेटी खुद को अमेरिकी राष्ट्रपति के लिए सफल उम्मीदवार के तौर पर देखते थे। पिछले साल अप्रैल में गार्सेटी को डेमोक्रेटिक उम्मीदवार के साथी का चयन करने के लिए वीटिंग कमेटी में नामित किया गया था। नवंबर 2020 में गार्सेटी को बाइडेन प्रशासन में ट्रांसपोर्ट मंत्री के तौर पर देखा गया था। साल 2017 में गारसेटी दोबारा मेयर चुने गए थे।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Mar 07, 2023, 07:54 IST
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