NSO: अब हर महीने रोजगार और बेरोजगारी से जुड़ा डाटा जारी करेगी सरकार, तेजी से जुटाए जाएंगे श्रम बाजार के आंकड़े
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के तहत आने वाला राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) अब हर हमीने रोजगार से जुड़ा डाटा जारी करेगा। यह डाटा आवधिक श्रम बल (पीएलएफएस) के रूप में आएगा। इस क्रम में पहली रिपोर्ट अप्रैल 2025 के आंकड़ों पर आधारित होगी, जिसे इसी महीने जारी किया जाएगा। मंत्रालय के अनुसार, अब से पीएलएफएस की तिमाही रिपोर्ट भी ग्रामीण, शहरी और दोनों के संयुक्त आंकड़ों की रिपोर्ट अलग-अलग जारी की जाएंगी। अभी तक यह सर्वेक्षण सालाना और तिमाही आधार पर आता था। अप्रैल-जून 2025 की तिमाही रिपोर्ट अगस्त 2025 में जारी की जाएगी। मंत्रालय ने कहा कि एनएसओ का मकसद इन सर्वेक्षणों की गहराई, प्रासंगिकता और कवरेज को बढ़ाना है। अब से देशभर के लिए पीएलएफएस के मुख्य रोजगार और बेरोजगारी से जुड़े आंकड़े हर महीने सामने आएंगे। ये भी पढ़ें:बॉयकॉट का दिखने लगा असर:तुर्किये और अजरबैजान के लिए टिकट बुकिंग में आई 60% की कमी, पाकिस्तान का दिया था साथ इस मकसद को ध्यान में रखते हुए जनवरी 2025 से पीएलएफएस का सैंपल प्रारूपभी बदला गया है, ताकि श्रम बाजार के आंकड़े तेजी से और ज्यादा सटीकता से जुटाए जा सकें। अब पीएलएफएस हर महीने पूरे देश के ग्रामीण और शहरी इलाकों के लिए श्रम भागीदारी दर, कार्यरत जनसंख्या अनुपात, बेरोजगारी दर की मौजूदा साप्ताहिक स्थिति जैसे प्रमुख सूचकांक के आधार पर प्रकाशित करेगा। इसके अलावा, पीएलएफएस अब ग्रामीण क्षेत्रों के तिमाही आंकड़ों को भी कवर करेगा और इससे प्रमुख राज्यों और पूरे देश के लिए तिमाही आंकड़े उपलब्ध होंगे। साथ ही सालाना आधार पर सामान्य स्थिति (प्राथमिक स्थिति + सहायक स्थिति) और मौजूदा साप्ताहिक स्थिति (सीडब्ल्यूएस) दोनों के अनुसार रोजगार और बेरोजगारी से जुड़ी अहम जानकारी दी जाएगी।सामान्य स्थिति (प्राथमिक स्थिति + सहायक स्थिति) का मतलब है- सर्वे से पहले के 365 दिनों का आंकलन, जबकि वर्तमान साप्ताहिक स्थिति (सीडब्ल्यूएस) पिछले 7 दिनों पर आधारित होता है। पीएलएफएस की शुरुआत 2017 में हुई थी, ताकि शहरी क्षेत्रों के लिए वर्तमान साप्ताहिक स्थिति के आधार पर तिमाही और ग्रामीण व शहरी दोनों के लिए सालाना रोजगार आंकड़े जुटाए जा सकें। ये भी पढ़ें:आकाशतीर बना दुश्मन के ड्रोन और मिसाइलों का काल, दुश्मन की हर हवाई चाल की बेअसर अब तक (दिसंबर 2024 तक) पीएलएफएस की 25 तिमाही रिपोर्टें और 7 सालाना रिपोर्टें जारी हो चुकी हैं, जो जुलाई 2017 से जून 2024 तक की अवधि को कवर करती हैं। नए प्रारूप में पीएलएफएस के लिए जिलों को मुख्य भौगोलिक इकाई बनाया गया है, जिसे 'बेसिक स्ट्रेटम' कहा गया है। इससे देश के ज्यादातर जिलों से सैंपल लिए जाएंगे और आंकड़ों की सटीकता और प्रतिनिधित्व बेहतर होगा।
- Source: www.amarujala.com
- Published: May 14, 2025, 18:49 IST
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