Kaushambi News: एलआईसी के शाखा प्रबंधक समेत पांच के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा

एलआईसी के शाखा प्रबंधक समेत पांच के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा- मृतक की बीमा पॉलिसी में जालसाजी कर 7.12 लाख रुपये हड़पने का मामला- कोर्ट के आदेश और मृतक के बेटी की तहरीर केस दर्ज कर प्रकरण की छानबीन में जुटी चरवा पुलिससंवाद न्यूज एजेंसीचायल। जालसाजी कर मृतक के खाते से 7.12 लाख रुपये निकालने के मामले में एलआईसी के शाखा प्रबंधक समेत पांच लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज हुई है। कोर्ट के आदेश और मृतक के बेटे की तहरीर पर शनिवार को चरवा कोतवाली पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की छानबीन शुरू कर दी है। सैयदसरावां गांव के मजरा हिंगवाही निवासी सचिन पटेल ने बताया कि उसके पिता ज्ञान सिंह सहारा इंडिया परिवार और भारतीय जीवन बीमा निगम के एजेंट थे। कैंसर रोग से पीड़ित होने के कारण साल भर पहले उनकी मौत हो गई। जबकि, मां का सात साल पहले ही देहांत हो चुका है। पिता के नाम से बीमा पॉलिसी के करीब 7.12 लाख रुपये थे। इन रुपयों को उसकी सगी मौसी रीता देवी, मामा धर्मेंद्र और राजेश सहित नाना रामसरन ने भारतीय जीवन बीमा निगम भरवारी शाखा के प्रबंधक राम चंद्र केसरवानी की मिली भगत से निकाल लिया। इसकी जानकारी होने पर उसने चरवा कोतवाली पुलिस से शिकायत की। तहरीर के बावजूद स्थानीय पुलिस के कार्रवाई नहीं करने पर पीड़ित ने न्यायालय का सहारा लिया। मामले में कोर्ट के आदेश पर शनिवार को पुलिस ने आरोपी एलआईसी के शाखा प्रबंधक के साथ ही मौसी, दोनों मामा, नाना निवासीगण पंतरवा बम्हरौली, धूमनगंज, प्रयागराज समेत पांच लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया है।----फर्जी तरीके से साली ने नॉमिनी के रूप में बतौर पत्नी दर्ज करा लिया था नाममृतक ज्ञान सिंह पटेल के बेटे सचिन ने बताया कि गांव के ही अरविंद पटेल से शादी करने के बाद उसकी मौसी की निगाह ज्ञान सिंह की संपत्ति पर टिक गई थी। इसलिए वह एलआईसी शाखा प्रबंधक के कहने पर पिता ज्ञान सिंह की एलआईसी पॉलिसी में खुद पत्नी बन कर नॉमिनी के रूप में दाखिल हो गई थी। इतना ही नहीं उसने फर्जी परिवार रजिस्टर की नकल और राशन कार्ड भी तैयार कराया था। जबकि, वर्तमान में सचिन और उसकी दो बड़ी बहनें ही पिता की वारिस हैं।-----पिता के गलत हस्ताक्षर से पकड़ में आया मामलासचिन ने बताया कि एलआईसी शाखा प्रबंधक के कहने पर फर्जी तरीके से सात लाख रुपहे निकालने के दौरान जालसाजों ने पिता के बीमा पॉलिसी में ज्ञान सिंह की जगह गगन नाम का हस्ताक्षर मिला। यहीं से जालसाजी पकड़ में आई। इसी बिंदु को आधार मानकर न्यायालय ने सभी के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए चरवा पुलिस को आदेश दिया है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Mar 19, 2023, 19:53 IST
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