Bhiwani: संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हुई पांच माह की गर्भवती नाबालिग, सदमे में पिता की मौत

हरियाणा केभिवानी में जैन पुलिस चौकी क्षेत्र में किराये के मकान में रहने वाली पांच माह की गर्भवती साढ़े 16 साल की नाबालिग संदिग्ध परिस्थितियों में रविवार सुबह लापता हो गई। इसके चंद घंटे बाद रविवार दोपहर तीन बजे सदमे में बीमार पिता की भी मौत हो गई। शनिवार को ही शहर थाना पुलिस ने लड़की की मां की शिकायत पर पानीपत निवासी अजय नामक युवक के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज किया था। महिला पुलिस जांच अधिकारी ने पीड़ित नाबालिग से भी पूछताछ की थी, नाबालिग को सुरक्षित रूप से सीडब्ल्यूसी के हवाले किए जाने से पहले ही वह संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गई। इसके बाद पुलिस की महिला जांच अधिकारी की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। मामला बाल कल्याण समिति के संज्ञान में भी आ चुका था, ऐसे में नाबालिग का अचानक लापता होना कानून और पुलिस की भूमिका पर ही बड़ा सवालिया लगा रहा है। यह भी पढ़ें :Bhiwani News:भिवानी की बेटी हिमांशी गिरधर ट्रम्पेट बजाते हुए राजपथ पर बैंड के साथ करेगी मार्च पास्ट मामले की शनिवार को ही शिकायत शहर थाना पुलिस में दर्ज कराई गई। बाल कल्याण समिति सदस्य को भी इस प्रकरण से अवगत कराया गया। शहर थाना पुलिस ने पीड़ित नाबालिग की मां की शिकायत के बाद आरोपी पानीपत निवासी हाल चंद्रगिरी स्कूल के समीप अजय के खिलाफ पॉक्सो एक्ट का केस भी दर्ज किया गया। महिला पुलिस जांच अधिकारी ने पीड़ित नाबालिग से प्रारंभिक पूछताछ के बाद उसे घर भेज दिया। इसके बाद रविवार सुबह नाबालिग संदिग्ध परिस्थितियों में अचानक लापता हो गई। इसके बाद हड़बड़ी मच गई। नाबालिग की मां का कहना है कि उसका पति बेटी के अचानक जाने के बाद सदमे में आ गया और रविवार दोपहर तीन बजे उसकी मौत हो गई। एक्सपर्ट व्यू बाल विरुद्ध अपराध की गंभीरता को देखते हुए कानून में पॉक्सो एक्ट में विशेष प्रावधान किए गए हैं। ऐसे संवेदनशील मामलों में पुलिस व पुलिस की जांच अधिकारी को भी नाबालिग की सुरक्षा व उसके पेट में पल रहे बच्चे की मेडिकल जांच के लिए जरूरी कदम कराने के लिए तुरंत आगामी कदम उठाने चाहिए थे। आरोपी पर पॉक्सो एक्ट का केस दर्ज हो चुका था और नाबालिग बच्ची पांच माह की गर्भवती बताई जा रही थी तो उसकी जान की सुरक्षा का जिम्मा भी पुलिस पर ही था। उसे तुरंत सीडब्ल्यूसी के समक्ष बयान दर्ज कराने चाहिए थे, सीडब्ल्यूसी उस नाबालिग की मनोदशा और शारीरिक हालत देखने के बाद उसकी मेडिकल जांच कराकर उसे सुरक्षित जगह अपने संरक्षण में उसके पुनर्वास की व्यवस्था कराती। मगर इस मामले में पुलिस की जांच अधिकारी की लापरवाही स्पष्ट उजागर हुई है। - एडवोकेट मुकेश गुलिया, वरिष्ठ अधिवक्ता भिवानी न्यायालय नाबालिग के मामले में आरोपी युवक के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज हो चुका है। पुलिस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है। नाबालिग के संबंध में जल्द पता लगाया जाएगा। - सतीश कुमार, एसएचओ शहर थाना पुलिस भिवानी मेरे संज्ञान में नाबालिग पांच माह की गर्भवती का मामला आया था। शनिवार और रविवार को कार्यालय की छुट्टी थी। सोमवार को इस संबंध में कड़ा संज्ञान लिया जाएगा। पुलिस को चाहिए था कि नाबालिग सीडब्ल्यूसी के समक्ष पेश की जाती, जिसके बाद उसकी काउंसिलिंग और पुनर्वास के लिए जरूरी कदम उठा उसका मेडिकल और इलाज शुरू कराया जाता। -सतेंद्र तंवर, सदस्य बाल कल्याण समिति भिवानी

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 15, 2023, 21:32 IST
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