FDI: वैश्विक चुनौतियों के बीच प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 208% बढ़ा, 76 फीसदी रही इन पांच देशों की हिस्सेदारी

वैश्विक चुनौतियों के बीच भारत में शुद्ध प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) चालू वित्त वर्ष 2025-26 की अप्रैल-जुलाई अवधि में सालाना आधार पर 208.57 फीसदी बढ़कर 10.8 अरब डॉलर पहुंच गया। एक साल पहले की समान अवधि में यह आंकड़ा 3.5 अरब डॉलर रहा था। आरबीआई के ताजा मासिक बुलेटिन के मुताबिक, सकल एफडीआई एक साल पहले से 33.2 फीसदी बढ़कर 37.7 अरब डॉलर पहुंच गया।  2024-25 की अप्रैल-जुलाई अवधि में 28.3 अरब डॉलर का एफडीआई आया था। आरबीआई ने कहा, अप्रैल-जुलाई में सिंगापुर, अमेरिका, मॉरीशस, संयुक्त अरब अमीरात और नीदरलैंड एफडीआई के शीर्ष स्रोत रहे, जिनकी कुल निवेश में 76 फीसदी हिस्सेदारी थी। विनिर्माण, कंप्यूटर सेवाओं व्यावसायिक, संचार और वित्तीय सेवाओं के साथ निर्माण, बिजली उत्पादन में कुल 74 फीसदी एफडीआई आया। अगस्त में 5.11 अरब डॉलर घट गया एफडीआई जुलाई में चार साल के उच्च स्तर पर पहुंचने के बाद अगस्त में देश में सकल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश घटकर 6 अरब डॉलर रह गया। यह जुलाई के 11.11 अरब डॉलर से 5.11 अरब डॉलर कम है। इस दौरान विदेशी कंपनियों की ओर से धन वापसी (रेपेट्रिएशन) 30 फीसदी बढ़कर 4.9 अरब डॉलर पहुंच गया। इससे शुद्ध एफडीआई 61.6 करोड़ डॉलर के आउटफ्लो (निकासी) में बदल गया। ये भी पढ़ें:ट्रंप ने व्हाइट हाउस में मनाई दिवाली:पीएम मोदी को बताया 'अच्छा दोस्त'; रूसी तेल खरीद को लेकर फिर किया यह दावा विदेश यात्रा पर 1.6 अरब डॉलर का खर्च बुलेटिन के मुताबिक, अगस्त में भारतीयों ने विदेश यात्रा पर 1.61 अरब डॉलर खर्च किए। यह जुलाई के 1.4 अरब डॉलर से ज्यादा है।  विदेश में शिक्षा पर खर्च मासिक आधार पर 39 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 31.9 करोड़ डॉलर हो गया। विदेश में रहने वाले प्रवासी भारतीयों ने अगस्त में देश में 2.6 अरब डॉलर की रकम भेजी है। यह जुलाई की तुलना में 7.7 फीसदी अधिक रकम है।  ट्रंप टैरिफ अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा खतरा नहीं बुलेटिन में कहा गया है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में उथल-पुथल भारत की वृद्धि दर के लिए गंभीर चुनौतियां पेश कर रही है। इन चुनौतियों के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था ने लचीलापन प्रदर्शित किया है। देश की अर्थव्यवस्था वैश्विक आर्थिक नरमी के बावजूद मजबूत घरेलू मांग, सरकारी खर्च और निर्यात के विविधीकरण से लाभान्वित हो रही है। आरबीआई ने कहा, रूसी तेल खरीद के लिए अमेरिका की ओर से लगाया गया टैरिफ भारत के विकास के लिए बड़ा खतरा नहीं हैं, क्योंकि देश अब वैश्विक व्यापार पर कम निर्भर हो रहा है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Oct 22, 2025, 08:08 IST
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