Solan News: प्राकृतिक खेती की बारीकियां सीख रहे हैं लाहौल और स्पीति के किसान

सोलन। ताबो स्थित कृषि विज्ञान केंद्र लाहौल और स्पीति ने नौणी विवि के मुख्य परिसर में स्पीति घाटी के किसानों को प्राकृतिक खेती पर उनकी जागरूकता बढ़ाने के लिए तीन दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम एवं-प्रशिक्षण का आयोजन किया। यह प्रशिक्षण आईसीएआर के अटारी जोन -एक की ओर से वित्त पोषित किया गया था। अपने खूबसूरत परिदृश्य के लिए हिमाचल प्रदेश की स्पीति घाटी को जाना जाता है। साथ-साथ यहां के कृषि उत्पादों की देश में बहुत मांग है। रसायनिक उर्वरकों का कम उपयोग इस क्षेत्र को प्राकृतिक कृषि पद्धति के लिए उपयुक्त बनाता है। इसके तहत यहां के किसानों को प्राकृतिक खेती के बारे में जानकारी प्रदान की जा रही है। इस शिविर में स्पीति घाटी की सभी 13 पंचायतों के 54 किसान प्रतिनिधि को प्राकृतिक कृषि गतिविधियों और विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों की ओर से विकसित विभिन्न मॉडलों के बारे में अवगत करवाने पर ध्यान केंद्रित किया। किसानों को प्राकृतिक खेती के विभिन्न आदानों जैसे जीवामृत, बीजामृत, अग्निस्त्र आदि की तैयारी के बारे में सिखाया गया, ताकि वे मिट्टी और बीमारियों के प्रभावी प्रबंधन के लिए अपने आसपास उपलब्ध स्थानीय वनस्पतियों से इसे स्वयं तैयार कर सकें। इससे घाटी के दूरदराज के क्षेत्रों में खेती की लागत कम करने में मदद मिलेगी, जहां विभिन्न आदानों की उपलब्धता दुर्लभ या बहुत महंगी है। प्रतिभागियों को गुरुकुल कुरुक्षेत्र का दौरा भी करवाया गया। इस अवसर पर नौणी विवि के कुलपति प्रोफेसर राजेश्वर सिंह चंदेल ने कहा कि सभी प्रतिभागी राज्य के उस क्षेत्र से संबंधित हैं, जिसे भौगोलिक और पर्यावरणीय परिस्थितियों के लिहाज से कठिन माना जाता है और यह जलवायु परिवर्तन से सबसे अधिक प्रभावित होने वाले क्षेत्रों में से एक है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 09, 2023, 22:39 IST
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