Una News: महंगे देसी घी ने बुझाई उम्मीदें, दीपावली में परंपरा निभाना मुश्किल
रंग-बिरंगी मोमबत्तियों बन गई हैं अब घी के दीयों का विकल्पबाजारों में दिख रही लोगों की भीड़, पर खरीदार कमएसडी शर्मा मैहतपुर (ऊना)। त्रेता युग में भगवान श्रीरामचंद्र के अयोध्या लौटने की खुशी में लोगों ने घी के दीये जलाकर दीपावली मनाई थी लेकिन आज के दौर में महंगाई ने इस परंपरा को लगभग समाप्त कर दिया है। घी के दीये जलाना तो दूर, अब तो लोगों के लिए देसी घी खाना भी किसी विलासिता से कम नहीं रह गया है। बाजार में देसी भैंस का घी 700 रुपये प्रति किलो तक बिक रहा है, जबकि देसी गाय का शुद्ध घी 1000 रुपये प्रति किलो के पार पहुंच चुका है। ऐसे में लोगों ने मजबूरन रिफाइंड तेल या अन्य विकल्पों की ओर रुख कर लिया है। अब सरसों के तेल के दीये जलाने का चलन बढ़ा है, लेकिन तेल भी 200 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गया है। नतीजतन, दीपावली पर रंग-बिरंगी मोमबत्तियां ही परंपरा को निभाने का माध्यम बनती जा रही हैं।लोगों की राय दीपावली पर मिट्टी के दीपक देसी घी में जलाना शुभ माना जाता है। यह हमारी परंपरा रही है, लेकिन आज के दौर में इसे निभाना मुश्किल हो गया है। नई पीढ़ी चकाचौंध की दुनिया में पुरानी परंपराओं से दूर होती जा रही है। महंगाई रोजमर्रा की हर वस्तु को महंगा कर चुकी है और सरकार महंगाई नियंत्रण में विफल दिख रही है। -सोनिया ठाकुर, गृहिणी दीपावली पर मिट्टी के दीये जलाने की परंपरा अब भी जीवित है, पर घी के दीये आम लोगों की पहुंच से बाहर हो चुके हैं। लोग सरसों के तेल के दीये जलाकर परंपरा को जीवित रखने की कोशिश कर रहे हैं। दुख की बात यह है कि त्योहार की पवित्रता पर भी मिलावटखोरों ने ग्रहण लगा दिया है। घी और तेल में मिलावट कर वे भारी मुनाफा कमा रहे हैं। -पंडित शशिपाल डोगरा, अंकगणित आचार्यघी के दीये जलाना अब गुजरे जमाने की बात हो गई है। देसी घी के आसमान छूते दामों ने इसे आमजन से दूर कर दिया है। बाजार में अब दो तरह का घी बिक रहा है, खाने वाला और दीये जलाने वाला। मिलावट से बना सस्ता घी बेचकर कुछ व्यापारी आस्था के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। -शकुंतला कंवर, सेवानिवृत्त अध्यापिका इस वक्त बाजार में देसी घी के दाम 650 से 700 रुपये किलो तक हैं, जबकि देसी गाय का शुद्ध घी 1000 रुपये किलो में बिक रहा है। आम लोग अब मोमबत्तियां जलाना ही सुविधाजनक विकल्प मान रहे हैं। बाजारों में भीड़ तो दिखती है, पर महंगाई के कारण खरीदारी का उत्साह पहले जैसा नहीं है। -सचित कुमार, किराना व्यापारी
- Source: www.amarujala.com
- Published: Oct 19, 2025, 16:52 IST
Una News: महंगे देसी घी ने बुझाई उम्मीदें, दीपावली में परंपरा निभाना मुश्किल #ExpensiveDesiGheeDashesHopes #MakingDiwaliTraditionDifficult #SubahSamachar