Anuppur News: 70 लाख खर्च के बाद भी सूखता रहा नल, पानी को तरसे ग्रामीण

अनूपपुर जिले में इन दिनों तेज गर्मी पड़ रही है और ग्रामीण इलाकों में पानी की भारी कमी हो गई है। हालात इतने खराब हैं कि सरकार द्वारा नल जल योजना पर लाखों रुपये खर्च करने के बाद भी गांव के लोगों को पानी नहीं मिल पा रहा है। कोतमा जनपद पंचायत के मझौली पंचायत के छतई गांव में पिछले एक महीने से मोटर जल जाने की वजह से लोगों को पानी नहीं मिल रहा है। बताया गया है कि नल जल योजना के तहत लगभग 70 लाख रुपये खर्च हुए हैं, लेकिन फिर भी गांव में पानी की सुविधा नहीं है, जिससे लोगों में नाराज़गी है। गांव की महिलाएं, पुरुष और बच्चे दिनभर पानी के लिए इधर-उधर भटकते हैं। वे हैंडपंप और नदी से पानी लाकर किसी तरह अपनी जरूरतें पूरी करने की कोशिश कर रहे हैं। नल जल योजना का काम अधूरा, ग्रामीणों को पानी के लिए संघर्ष जिला प्रशासन ने गर्मी शुरू होने से पहले ही पीएचई विभाग को गांवों में जल व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए थे, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों ने इस पर ध्यान नहीं दिया। छतई गांव की आबादी करीब 1500 है। गांव के पीपर टोला में नल जल योजना के तहत पानी की टंकी और बोर पंप लगाए गए हैं, लेकिन पिछले एक महीने से पड़ रही तेज गर्मी में भी पानी की समस्या जस की तस बनी हुई है। स्कूल टोला में लगे दूसरे पंप से किसी तरह पानी भर कर अगली सुबह गांव में सप्लाई दी जाती है, लेकिन वह भी पूरे गांव के सभी वार्डों तक नहीं पहुंच पाता ग्रामीणों की शिकायत पर पंचायत की सरपंच चंदा पनिका ने हैंडपंप और टंकी के जरिए पानी उपलब्ध कराने की कोशिश जरूर की है, लेकिन ये प्रयास भी पूरी तरह सफल नहीं हो पा रहे भीषण गर्मी में जब लोगों को सबसे ज्यादा पानी की जरूरत है, तब भी नल जल योजना अधूरी पड़ी है और ठेकेदार की लापरवाही को लेकर ग्रामीणों में जबरदस्त नाराज़गी देखी जा रही है। पानी के लिए जूझ रहे ग्रामीण, एक दिन छोड़कर हो रही सप्लाई छतई गांव के किसान कमलेश सिंह, गोपाल सिंह, भीमसेन केवट, ताराबाई, शकीला बानो, रानी केवट और मोहम्मद बासीर ने बताया कि गांव में लगे दो पंपों में से एक पंप की मोटर जल चुकी है। इसके कारण पिछले एक महीने से भीषण गर्मी में लोगों को पानी की भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। यह भी पढ़ें:सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर डीजीपी ने मंत्री विजय शाह की जांच को तीन सदस्यीय SIT गठित स्कूल टोला में लगे दूसरे पंप से एक दिन पानी भरा जाता है और फिर अगले दिन गांव में सप्लाई दी जाती है, लेकिन वह भी पूरी तरह नहीं हो पाती। गांव के खाले टोला, ऊपर टोला और मैंर टोला जैसे इलाकों में पानी नहीं पहुंचता। ऐसे में वहां के लोग दूसरे मोहल्लों के हैंडपंपों पर लाइन लगाकर पानी भरने को मजबूर हैं। नदी से पानी लाने को मजबूर महिलाएं ग्रामीणों का कहना है कि ठेकेदार की लापरवाही के कारण नल जल योजना अधूरी पड़ी है और अब तक पंचायत को हैंडओवर नहीं की गई है। पिछले एक महीने से जारी पानी की किल्लत ने लोगों की दिनचर्या प्रभावित कर दी है। घर की महिलाएं और बच्चियां हैंडपंपों से या फिर 1 किलोमीटर दूर स्थित केवई नदी से पानी भरकर ला रही हैं। पानी की चिंता में लोग अपने बाकी जरूरी काम नहीं कर पा रहे हैं, सुबह-शाम केवल पानी जुटाने में ही समय बीत रहा है। इनका क्या कहना है चंदा पनिका, सरपंच मझौली पंचायत ने बताया कि नल जल योजना का काम अधूरा होने की वजह से इसे पंचायत को अभी तक नहीं सौंपा गया है। फिलहाल हैंडपंपों के जरिए लोगों को पानी उपलब्ध कराने की कोशिश की जा रही है। एसडीओ, जल जीवन मिशन कोतमा ने कहा कि अगले तीन-चार दिनों में नल जल योजना से गांव में नियमित पानी सप्लाई शुरू करवा दी जाएगी।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: May 20, 2025, 07:32 IST
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