UP: करोड़पति बनने का ख्वाब...विद्युत निगम के हेड कैशियर ने किया 32 लाख का गबन, आगरा से गिरफ्तार
दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (डीवीवीएनएल) के सिरसांगज विद्युत खंड के हेड कैशियर अनुराग गुप्ता ने 32 लाख रुपये का गबन कर लिया। बिल व अन्य राजस्व की राशि में हेरफेर कर यह रकम निकाली गई। आरोपी अनुराग के खिलाफ सिरसागंज थाने में एक्सईएन अमित कुमार ने केस दर्ज कराया। पुलिस ने आरोपी को आगरा के मास्टर प्लान रोड, खंदारी स्थित उसके आवास से सोमवार को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया जहां से उसे आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। एफआईआर के मुताबिक, विभाग की आंतरिक जांच में खुलासा हुआ कि हेड कैशियर अनुराग गुप्ता ने नवंबर 2023 से नवंबर 2024 के बीच, विभिन्न क्षेत्रीय राजस्व संग्रहकर्ताओं से प्राप्त करीब 37 लाख की धनराशि को सरकारी बैंक खाते में जमा नहीं कराया। अधिकारियों के अनुसार, यह गबन कैशबुक में सुनियोजित तरीके से खेल करके किया गया, जिसमें प्राप्त राजस्व और जमा की गई राशि के बीच एक बड़ा अंतर पाया गया। इस खुलासे के बाद तत्काल अनुराग गुप्ता को निलंबित कर जसराना खंड से संबद्ध किया गया। साथ ही उससे रकम वसूली के प्रयास किए गए। अनुराग गुप्ता ने करीब 5.6 लाख रुपये वापस किए। बाकी के कुल 31,99,931 रुपये वापस करने के नाम पर टालमटोली की। इस पर डीएम रमेश रंजन के आदेश पर सिरसागंज थाने में आरोपी पर केस दर्ज कराया गया। सीओ सिरसागंज अनीवेश सिंह ने बताया कि आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद कोर्ट में पेश कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। करोड़पति बनने का ख्वाब, आगरा में आलीशान मकान सरकारी खजाने पर हाथ साफ करने वाला 32 लाख के गबन का आरोपी अनुराग गुप्ता करोड़पति बनने का ख्वाब पालकर बैठा था। यही वजह है कि गबन के खेल को वह सुनियोजित तरीके से खेल रहा था। शुरुआत में जब अधीनस्थ कैशियर उसके पास रकम जमा कराते थे तो अनुराग उनमें से कुछ रुपयों की हेराफेरी करता था। मामला जब किसी की पकड़ में नहीं आया तो उसने मोटी रकम पर हाथ मारना शुरू किया। फाइलों में भी गड़बड़ी की। मगर, बैंक के ऑनलाइन स्टेटमेंट और विभाग की अपनी फाइलों में लिखी दास्तान ने पूरे गबन की कहानी खोलकर रख दी। उसने कैश बुक में क्षेत्रीय संग्रहकर्ताओं से प्राप्त लाखों रुपये की एंट्री ही नहीं की, जिससे बैंक में जमा और विभाग को प्राप्त हुई राशि में लगभग 37 लाख का अंतर आ गया। हेड कैशियर अनुराग गुप्ता को गिरफ्तार करने गई पुलिस उसके आगरा स्थित आलीशान ठिकाने को देखकर हैरान रह गई। विद्युत निगम के अधिकारियों ने बताया कि जब अनुराग गुप्ता का गबन पकड़ा गया तो उसे निलंबित कर दिया गया और गबन के रुपये विभाग के खाते में जमा कराने को गया। बार-बार नोटिस और विभाग की चेतावनी को नजरअंदाज करने के बाद जब उसने केवल 5.6 लाख रुपये ही जमा कराए। उसकी मंशा शेष राशि लौटाने की नहीं थी। इस पर डीएम की अनुमति मिलते ही विभाग ने उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया। गबन का पैसा कहां गया महंगी जीवनशैली की जांच शुरू आरोपी अनुराग गुप्ता की गिरफ्तारी के बाद अब पुलिस की जांच का फोकस इस बात पर आ गया है कि सरकारी खजाने से गबन की गई लगभग 32 लाख की राशि का इस्तेमाल कहां किया गया। पुलिस अब आरोपी की महंगी जीवनशैली और हालिया संपत्ति निवेशों की जांच करेगी। चूंकि गिरफ्तारी आगरा स्थित उसके निजी आवास से हुई है, पुलिस यह भी पता लगा रही है कि क्या इस गबन की रकम का उपयोग उस संपत्ति को खरीदने या बेहतर बनाने में किया गया था। इस तरह के वित्तीय अपराधों में आरोपी अक्सर धन को अचल संपत्ति या लग्जरी वस्तुओं में निवेश करते हैं। उधर, डीवीवीएनएल के अधिकारियों का कहना है कि विभाग अब अपनी आंतरिक ऑडिटिंग और कैश कलेक्शन प्रक्रियाओं को और सख्त करने जा रहा है, ताकि भविष्य में कोई दूसरा अनुराग गुप्ता सरकारी राजस्व पर हाथ साफ न कर सके।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Nov 18, 2025, 07:54 IST
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