ED: स्पेन से गिरफ्तार हुआ साइबर अपराधी पावेल, सात देशों से चलता था हजारों करोड़ की क्रिप्टोकरेंसी का अवैध खेल
अनधिकृत विदेशी मुद्रा व्यापार मंच 'ऑक्टाएफएक्स' की जड़े कई मुल्कों में फैली हुई थीं। निवेशकों को धोखा देने के लिए उनसे उच्च रिटर्न का झूठा वादा किया गया। इस खेल का मास्टरमाइंड 'पावेल प्रोजोरोव' था। कई देशों को प्रभावित करने वाले साइबर अपराधों में उसकी संलिप्तता रही है। अब स्पेनिश पुलिस अधिकारियों ने 'पावेल प्रोजोरोव' को स्पेन से गिरफ्तार किया है। दूसरी तरफ, ईडी ने भी 2,385 करोड़ रुपये मूल्य की क्रिप्टोकरेंसी के रूप में चल संपत्तियों को अटैच करने का अनंतिम आदेश जारी कर दिया है।सिंगापुर, दुबई, स्पेन व जॉजिया सहित सात देशों से यह नेटवर्क संचालित होता था। खास बात है कि ऑक्टाएफएक्स ने 'आरबीआई' की अनुमति के बिना ही खुद को मुद्रा, कमोडिटी और क्रिप्टो ट्रेडिंग के लिए एक ऑनलाइन विदेशी मुद्रा व्यापार मंच के रूप में प्रस्तुत कर दिया था। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), मुंबई क्षेत्रीय कार्यालय ने अनधिकृत विदेशी मुद्रा व्यापार मंच 'ऑक्टाएफएक्स' के खिलाफ चल रही जांच के संबंध में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की है। लगभग 2,385 करोड़ रुपये मूल्य की क्रिप्टोकरेंसी के रूप में चल अचल संपत्तियां कुर्क की गई हैं। ईडी ने ऑक्टाएफएक्स विदेशी मुद्रा व्यापार मंच के माध्यम से उच्च रिटर्न का झूठा वादा करके निवेशकों को धोखा देने के आरोप में कई व्यक्तियों के खिलाफ शिवाजी नगर पुलिस स्टेशन, पुणे, महाराष्ट्र द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी के आधार पर इस केस की जांच शुरू की थी। इस केस में हजारों करोड़ों रुपये की ठगी सामने आई है। ईडी की जांच से पता चला है कि ऑक्टाएफएक्स ने जुलाई 2022 और अप्रैल 2023 के बीच भारतीय निवेशकों को लगभग 1,875 करोड़ रुपये की ठगी की, जिससे उसे लगभग 800 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ। 2019 से 2024 तक कंपनी के संचालन को ध्यान में रखते हुए, भारत से कुल लाभ 5,000 करोड़ रुपये से अधिक होने का अनुमान है। इसमें से अधिकांश रुपयों को अवैध रूप से विदेशों में स्थानांतरित किया गया है। ऑक्टाएफएक्स ने आरबीआई की अनुमति के बिना खुद को मुद्रा, कमोडिटी और क्रिप्टो ट्रेडिंग के लिए एक ऑनलाइन विदेशी मुद्रा व्यापार मंच के रूप में प्रस्तुत किया। इसका मकसद, शुरुआती निवेशकों में विश्वास बनाना था। प्रारंभ में छोटे लाभ मिले, जैसा कि आमतौर पर एक विशिष्ट पोंजी योजना में देखा जाता है, पर फोकस किया गया। जाच से यह भी पता चला है कि ऑक्टाएफएक्स एक वितरित वैश्विक नेटवर्क के माध्यम से संचालित होता था। इसे नियामक जांच से बचने और विभिन्न क्षेत्राधिकारों में अवैध धन को परत दर परत फैलाने के लिए डिजाइन किया गया था। जांच में सामने आया है कि मार्केटिंग गतिविधियां ब्रिटिश वर्जिन द्वीप समूह (बीवीआई) की संस्थाओं द्वारा संचालित की जाती थीं। स्पेन में संस्थाओं या व्यक्तियों द्वारा सर्वर और बैक-ऑफिस संचालन होस्ट किए जाते थे। एस्टोनिया में संस्थाओं द्वारा भुगतान गेटवे प्रबंधित किए जाते थे। जॉर्जिया में संस्थाओं द्वारा तकनीकी सहायता प्रदान की जाती थी। साइप्रस में स्थित इकाई ने भारतीय इकाई के लिए होल्डिंग कंपनी के रूप में कार्य किया। दुबई में स्थित इकाइयों/व्यक्तियों ने रूसी प्रमोटरों के माध्यम से भारतीय परिचालन की देखरेख की। सिंगापुर में स्थित इकाइयों ने विदेशों में धन शोधन के लिए फर्जी सेवाओं के निर्यात में सहायता की। ऑक्टाएफएक्स ने फर्जी कैंडलस्टिक चार्ट और जानबूझकर स्लिपेज का इस्तेमाल करके ट्रेडिंग संचालन में हेराफेरी की, जिससे निवेशकों को लगातार नुकसान हुआ। ऑक्टाएफएक्स ने अधिक निवेशकों को लुभाने के लिए एक इंट्रोड्यूसिंग ब्रोकर्स (आईबी) योजना शुरू की, जिसमें ग्राहकों को रेफर करने वाले व्यक्तियों और संस्थाओं को ग्राहक की ट्रेडिंग गतिविधि के आधार पर भारी कमीशन की पेशकश की गई। ऑक्टाएफएक्स ने भारतीय ग्राहकों को स्थानीय सहायता प्रदान करने के लिए रूस और स्पेन में भारतीयों को भी नियुक्त किया। जांच से पता चला कि ऑक्टाएफएक्स ने यूपीआई और स्थानीय बैंक हस्तांतरण के माध्यम से निवेशकों से धन एकत्र किया, जो कई नकली खातों में फैले नकली भारतीय संस्थाओं और व्यक्तियों के खातों के माध्यम से भेजा गया था। अनधिकृत भुगतान एग्रीगेटर्स ने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के रूप में प्रस्तुत होने वाली फर्जी कंपनियों में धन एकत्र करने और उन्हें बाहर भेजने में मदद की, जिससे लेनदेन की वास्तविक प्रकृति प्रभावी रूप से छिप गई। एग्रीगेटर्स ने इन संस्थाओं को मर्चेंट आईडी और इंटीग्रेशन किट प्रदान किए, जिससे वे वैध वस्तुओं या सेवाओं के लिए भुगतान स्वीकार करने में सक्षम हो गए। इस प्रकार एकत्रित धनराशि को अंततः सॉफ्टवेयर और अनुसंधान एवं विकास सेवाओं के नकली आयात की आड़ में स्पेन, एस्टोनिया, रूस, हांगकांग, सिंगापुर, संयुक्त अरब अमीरात और यूके में पावेल प्रोज़ोरोव द्वारा नियंत्रित संस्थाओं को हस्तांतरित कर दिया गया। बाद में, धनशोधन की गई धनराशि का एक हिस्सा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के रूप में भारत में पुनः लाया गया। गबन की गई धनराशि का उपयोग विलासिता उपभोग, संपत्ति अधिग्रहण, लक्जरी नौकाओं की खरीद और ऑक्टाएफएक्स के वैश्विक विस्तार के लिए किया गया। इस धनराशि का एक हिस्सा पावेल प्रोज़ोरोव द्वारा नियंत्रित क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट में जमा किया गया था। ईडी ने अब तक 2,681 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की है, जिसमें स्पेन में पावेल प्रोज़ोरोव के स्वामित्व वाली 19 अचल संपत्तियां और एक लक्जरी नौका शामिल है। ऑक्टाएफएक्स और 54 अन्य आरोपी व्यक्तियों/संस्थाओं के खिलाफ विशेष न्यायालय (पीएमएलए) में एक अभियोजन शिकायत (पीसी) और एक पूरक पीसी पहले ही दायर की जा चुकी है, जिसने इसका संज्ञान लिया है।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Oct 17, 2025, 15:18 IST
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