ड्रैगन की वुल्फ वॉरियर डिप्लोमेसी: चीन को मंदी रोकते हुए US से जीतना है ट्रेड वॉर, क्या जिनपिंग से हो पाएगा?

कूटनीति के आलिम-फाजिल चिल्ला रहे हैं कि शी जिनपिंग ने ट्रंप के ट्रेड वार का जवाब देने की बिसात पहले ही बिछा ली है। अफसरों की छुट्टियां रद्द, पुराने कूटनीतिक शेर मैदान में, और हर टैरिफ का जवाब तड़ाक से! वाशिंगटन को अब समझ में आ रहा है कि ड्रैगन किसी प्लान के साथ आगे बढ़ रहा है। शी का प्रशासन कह रहा है कि अमेरिका के टैरिफ से आसमान नहीं फटने वाला। चुप्पा और अदृश्य कूटनीति वाले चीन में अब वुल्फ वॉरियर दहाड़ रहे हैं। बज रहे हैं ट्रेड वार के जंगी नगाडे। आइए, बैठिए टाइम मशीन में, हम ले चलते हैं उस सफर पर, जहां इस जंग की जड़ें हैं। पहला पड़ाव, नानकिंग, 1842- टाइम मशीन नानकिंग के तट पर उतर रही है। हवा में बारूद की गंध है। ब्रिटिश तोपों की गूंज अभी थमी है। अफीम युद्ध ने क्विंग साम्राज्य को घुटनों पर ला दिया है। चीन में ब्रिटेन के अफीम के कारोबार को रोकना भारी पड़ा है। क्विंग हार गए हैं। नानकिंग संधि ने चीन का सीना चाक कर दिया-हांगकांग ब्रिटेन की जेब में, पांच बंदरगाह विदेशियों के लिए खुल गए हैं। सम्राट के चेहरे पर शर्मिंदगी की स्याही पुत गई है। नानकिंग में चर्चा है कि एक पुरानी किताब में क्विंग दरबार के एक गुमनाम अफसर की चिट्ठी मिली है, 'ये अपमान हमारा अंत नहीं, बल्कि इससे एक नई ताकत का जन्म होगा। सदी बाद हमारा सूरज फिर चमकेगा।' नानकिंग की संधि के साथ चीन के 'अपमान की सदी' शुरू हो रही है। पश्चिम का रौब बढ़ा है। चीनी दिलों में गुस्सा भड़कने लगा है। टाइम मशीन 1900 में सरकती है। यिहेक्वान के बॉक्सर बागी पश्चिम के खिलाफ उबल पड़े हैं। मार्शल आर्ट के उस्ताद, गुस्साए नौजवान, बिना किसी सरदार के दूतावासों पर टूट पड़ते हैं। बीजिंग में अफवाह उड़ रही है कि बागियों का नेतृत्व कोई 'छाया योद्धा' कर रहा है, जो रात में गायब हो जाता है। पर सात पश्चिमी देशों की फौजों ने बगावत को रौंद दिया है। आप अब 1901 की बॉक्सर संधि यानी चीन के नए अपमान के गवाह हैं। बीजिंग की सड़कों पर संधि की शर्तें लटकी हैं। चीनी दिलों में अपमान की भट्ठियां जल रही हैं। दूसरा पड़ाव, 1979, वाशिंगटन- टाइम मशीन 1979 में वाशिंगटन में उतर गई है। देंग श्याओपेंग, छोटे कद का जादूगर, अमेरिकी धरती पर कदम रखता है। माओ का दौर गया, देंग ने नई राह दिखाई है- 'ताकत छिपाओ, वक्त का इंतजार करो।' निक्सन की 1972 की यात्रा और हेनरी किसिंजर की कोशिशों ने बर्फ पिघलानी शुरू की है। कूटनीतिक गलियों में चर्चा है कि देंग अपनी अमेरिका यात्रा से पहले बीजिंग के एक गुप्त कमरे में किसिंजर से मिले थे। मेज पर सिर्फ चीनी चाय नहीं, बल्कि एक बड़ा सौदा था–अमेरिका को सस्ता माल, और चीन को तकनीक। देंग ने मुस्कराते हुए कहा, 'पहले अमीर बनो, फिर हिसाब करेंगे।' अमेरिका ने चीन को 'मोस्ट फेवर्ड नेशन' का तमगा थमाया है। व्यापार के दरवाजे खुले, अमेरिकी कंपनियां चीन की ओर लपकीं और शंघाई में फैक्टरियां चमकने लगी हैं। 2001 में चीन विश्व व्यापार संगठन में घुसा, और बीस साल बाद अमेरिकी बाजार उसकी मुट्ठी में है। तीसरा पड़ाव, 2017, बीजिंग का सिनेमा घर- टाइम मशीन 2017 में सिनेमा हॉल के अंधेरे में उतर गई है। स्क्रीन पर वुल्फ वॉरियर-2 की धमक। लेंग फेंग, स्पेशल ऑप्स का बागी सिपाही, अफ्रीका में अमेरिकियों को धूल चटाता है। उसका डायलॉग गूंजता है : 'चीन का दुश्मन कहीं भी हो, मिटा देंगे!' यह 141 ईसा पूर्व के हान जनरल की गूंज थी, जो इस फिल्म में इस्तेमाल हुई है। यह शी जिनपिंग के चीन की नई कूटनीति का कोड भी है। शी जिनपिंग ने देंग युग की शांति को छोड़ दहाड़ते वुल्फ वॉरियर को अपना कूटनीतिक प्रतीक बनाया है। यह फिल्म ग्लोबल साउथ के देशों को बीजिंग की तरफ खींचने का इशारा करती है। शी ने पार्टी पर शिकंजा कसा, और दुनिया को ललकारा–अब चीन झुकेगा नहीं। 'वुल्फ वॉरियर डिप्लोमेसी' का डंका बजने लगा है। बीजिंग के दूतावासों से राजनयिक एक्स पर पश्चिम को दो टूक जवाब दे रहे हैं। इधर बेल्ट एंड रोड की सड़कें बिछ रही हैं, वैक्सीन डिप्लोमेसी बढ़ रही है। अफ्रीका के बाजारों में चीनी सामान की धूम है। चीन अपना कारोबारी जाल फैला चुका है। चौथा पड़ाव 2021, एंकरेज अलास्का- अब हम अलास्का के एंकरेज में बर्फीली हवाओं के बीच हैं। बाइडन प्रशासन और चीन आमने-सामने। बात शुरू होते ही तलवारें खिंचीं। चीन बोला, 'अमेरिका हमें बदनाम कर रहा है!' अमेरिका ने पलटवार किया, 'चीन हमें नीचा दिखाने की साजिश लेकर आया है।' बैठक बेकार गई। पीपल्स डेली ने वीबो पर दो तस्वीरें चिपकाईं 1901 की बॉक्सर संधि और एंकरेज। संदेश साफ : अमेरिका फिर वही अपमान दोहराना चाहता है, लेकिन बीजिंग कह रहा है 'हम अब वह चीन नहीं, जो झुकें!' कहते हंै कि चीन के राजनयिकों ने बैठक से पहले एक गुप्त रणनीति बनाई थी–हर सवाल का जवाब इतिहास से देना, ताकि दुनिया को याद दिलाया जाए कि अपमान की सदी अब बीत चुकी है। बीजिंग 2025, अब हम बीजिंग में हैं ट्रंप के 145 फीसदी टैरिफ के बदले शी ने अपनी बिसात बिछा दी है- रेयर अर्थ का निर्यात रोका, बोइंग के ऑर्डर काटे, अमेरिकी खेती पर चोट–चीन ने कमर कस ली। कूटनीतिक गलियारों में ड्रैगन प्लान की चर्चा है। अफ्रीका, लैटिन अमेरिका, और ब्रिक्स देशों में चीनी निवेश की बाढ़, डॉलर को चुनौती देने के लिए एक नई डिजिटल करेंसी का प्लान। ग्लोबल साउथ का नया आर्थिक गठजोड़, तो यह सब ट्रेड वार की तैयारी का हिस्सा था! अलबत्ता घर में मंदी, बेरोजगारी, और जनविरोध का डर भी है। शी ने वेतन बढ़ाए, रियायतें दीं, पर ड्रैगन को मंदी रोकते हुए ट्रेड वार जीतना है, क्या शी से हो पाएगा यात्रीगण, कृपया ध्यान दें, टाइम मशीन का सफर यहीं तक है। आप इस रोमांचक पल के गवाह बनिए। आप इतिहास में छिपे आज और आज में छिपे इतिहास को बनता देख रहे हैं। फिर मिलते हैं, जल्द ही अगले सफर पर

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Apr 27, 2025, 07:58 IST
पूरी ख़बर पढ़ें »

Read More:
Opinion International



ड्रैगन की वुल्फ वॉरियर डिप्लोमेसी: चीन को मंदी रोकते हुए US से जीतना है ट्रेड वॉर, क्या जिनपिंग से हो पाएगा? #Opinion #International #SubahSamachar