भगवान के कार्य में किया दान कभी व्यर्थ नहीं जाता : प्रसन्न

ज्वालामुखी (कांगड़ा)। पुराना बाजार वार्ड नंबर-3 में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन कथावाचक प्रसन्न ने भक्तों को भगवान श्रीकृष्ण की दिव्य बाल लीलाओं से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि नंद बाबा को 95 वर्ष की आयु में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। जब ब्रज की गोपियां बधाई देने पहुंचीं, तो नंद बाबा ने अपनी पूरी तिजोरी उनके लिए खोल दी। प्रसन्न ने कहा कि इससे यह संदेश मिलता है कि भगवान के कार्य में किया गया दान कभी व्यर्थ नहीं जाता। कथा के दौरान पूतना वध का प्रसंग भी सुनाया गया। कथावाचक ने कहा कि ठाकुर ने गोपियों को प्रसन्न करने के लिए अनेक लीलाएं रचीं और भगवान की प्रत्येक लीला भक्तों को किसी न किसी संदेश से जोड़ती है। उन्होंने बताया कि जब इंद्र अपनी शक्ति पर अहंकार करने लगा, तब भगवान श्रीकृष्ण ने ब्रजवासियों से इंद्र पूजा छोड़कर गोवर्धन पूजा करने का आग्रह किया। इससे क्रोधित होकर इंद्र ने भयंकर वर्षा करवाई, लेकिन श्रीकृष्ण ने अपनी कनिष्ठा उंगली पर गोवर्धन पर्वत उठाकर लगातार सात दिन तक ब्रजवासियों की रक्षा की और इंद्र का घमंड चूर कर दिया। कथा के दौरान श्रद्धालु भजनों पर खूब झूमे।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Nov 03, 2025, 17:36 IST
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