MP News: इम्होटेप अस्पताल में प्रसूता की मौत का मामला, जवाब से असंतुष्ट जांच समिति ने निरस्त किया लायसेंस

सीहोर नगर के इम्होटेप अस्पताल में प्रसूता के मौत के बाद जिला जांच समिति मामले की जांच की गई। इस दौरान अस्पताल में उभरकर सामने आईं 11 खामियों के चलते इम्होटेप अस्पताल का लायसेंस निरस्त कर दिया गया। अस्पताल को मरीजों को शिफ्ट करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है। बीते 27 नवंबर को ऋषि नगर कालोनी निवासी मनोज मालपानी की पत्नी नेहा मालपानी की दूसरी डिलीवरी के दौरान मौत हो गई थी। उसके बाद परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए उसे मौत का जिम्मेदार ठहराया था। परिजनों ने अस्पताल के खिलाफ प्रदर्शन करने हेतु मुख्य हाईवे जाम कर दिया था। इस मामले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने पांच सदस्यीय जांच दल का गठन किया था। जांच के दौरान पाया गया कि अस्पताल में व्यवस्थाओं की कमी है। उसकी वजह से अस्पताल में 11 खामियां उभरकर सामने आने पर उसे कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। नोटिस का जवाब 29 दिसंबर को अस्पताल प्रबंधन द्वारा दिया गया, लेकिन जांच दल अस्पताल के जवाब से संतुष्ट नहीं हुआ। इस वजह से अस्पताल का पंजीयन निरस्त किए जाने की अनुशंसा जांच दल ने की।इसके बाद जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा इम्होटेप अस्पताल का लायसेंस निरस्त कर दिया गया। साथ ही अस्पताल प्रबंधन को सात दिन का समय दिया गया है कि वह इस अवधि में अपने यहां भर्ती मरीजों को अन्य अस्पताल में शिफ्ट करने का काम करे। एक सप्ताह में मरीजों को करना होगा दूसरे अस्पताल में शिफ्ट विभाग द्वारा जारी आदेश में अस्पताल प्रबंधन को बताया गया कि मप्र उपचार गृह तथा रोजोपचार गृह संबंधी स्थापनाएं (रजिस्ट्रीकरण तथा अनुज्ञापन) अधिनियम 1973 तथा नियम 1997 के नियम 17 के तहत अनुसूची दो के अनुसार अस्पताल का संचालन नहीं पाया गया। मप्र उपचार गृह तथा रोजोपचार गृह संबंधी स्थापनाएं (रजिस्ट्रीकरण तथा अनुज्ञापन) अधिनियम 1993 की धारा पांच एवं धारा छह की उपधारा (1) एवं (2) अनुसार अस्पताल का पंजीयन क्रमांक एनएच/0107/जेएएन-2020 व लायसेंस क्रमांक एलएल/0128/जेएएन 2020 निरस्त करने की कार्रवाई करते हुए अस्पताल प्रबंधन को एक सप्ताह का समय दिया गया है। विभाग ने सूचित किया है कि इस एक सप्ताह में अस्पताल में भर्ती मरीजों को अन्य अस्पताल में शिफ्ट किया जाए। लायसेंस निरस्त होने के ये हैं कारण जांच समिति द्वारा किए गए निरीक्षण में समिति को इम्होटेप अस्पताल में खामियां मिलीं थी। इनमें अस्पताल का स्टाफ पूर्ण रूप से प्रशिक्षित नहीं होने, एक्स रे तकनीशियन से आईसीयू में कार्य कराए जाने की गंभीर अनियमितता पाई गई। वहीं आईसीयू/पोस्टमार्टम वार्ड में बीएचएमएस चिकित्सक को पदस्थ कर कार्य कराया जा रहा था। नर्सिंग स्टाफ के काउंसलिंग पंजीयन की वैधता समाप्त हो चुकी थी। शासकीय नियमों का पालन नहीं करने तथा निर्धारित मापदंडो के अनुसार स्टाफ नहीं होने के कारण वर्तमान में अस्पताल का पंजीयन समाप्त करना समिति के द्वारा प्रस्तावित किया गया। स्पष्टीकरण देने के बाद जांच समिति ने नहीं किया निरीक्षण इस संबंध में इम्होटेप अस्पताल के डीन डा. शुभांकर वर्मन ने बताया कि जांच दल के द्वारा जिन 11 खामियों को लेकर नोटिस जारी किया था, वे हमारे द्वारा पूरी कर ली गईं थी। हमारे द्वारा 20 दिन तक जांच समिति के निरीक्षण का इंतजार किया गया, लेकिन जांच समिति द्वारा अस्पताल आकर कोई भी जांच पुन: नहीं की गई। अचानक ही सूचना पत्र जारी कर बताया कि जांच समिति स्पष्टीकरण से संतुष्ट नहीं हैं। जांच समिति को अस्पताल आकर जांच करना था, इसके बाद ही कोई कार्रवाई करनी थी।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 22, 2023, 18:46 IST
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