UP: हरियाणा पुलिस का बर्खास्त सिपाही बना चोर...थानों से ही करने लगा चोरी; मुंशी का पर्स चोरी कर खाते उड़ाई रकम
आगरा के थाना ट्रांस यमुना की बैरक से मुंशी का पर्स चोरी कर एटीएम से रुपये निकालने की घटना हरियाणा पुलिस के बर्खास्त सिपाही वजीर सिंह ने की थी। वह पुलिस की वर्दी में आया था। मुंशी की बैरक में घुस गया था। पुलिस दो महीने से आरोपी की तलाश में लगी थी। सीसीटीवी फुटेज से पहचान होने के बाद शनिवार रात उसे हरियाणा के रेवाड़ी से गिरफ्तार किया गया। उसे रविवार दोपहर को कोर्ट में पेश किया गया। आरोपी पहले सेना में भर्ती हुआ था। सेना छोड़ने के बाद सिपाही बन गया। पुलिस में भर्ती के नाम पर युवकों से लाखों रुपये की ठगी कर ली थी। इस पर उसके खिलाफ केस दर्ज किया गया था। बाद में उसकी सेवा समाप्त कर दी गई थी। सात सितंबर की सुबह थाना ट्रांस यमुना में पहली मंजिल पर स्थित थाने के मुंशी कुशलपाल चौधरी के कमरे में घटना हुई थी। सिपाही रात्रि ड्यूटी खत्म कर कमरे में आए थे। अपने सरकारी आवास में आराम करने लगे थे। उन्होंने वर्दी उतारकर दरवाजे पर टांग दी थी। दोपहर में नींद खुली तो पेंट की जेब से पर्स गायब मिला। उन्होंने तलाश किया, लेकिन पता नहीं चला। पर्स में 3000 रुपये, डेबिट कार्ड, पुलिस का आईडी कार्ड और अन्य दस्तावेज रखे थे। चोरी के कुछ देर बाद ही उनके खाते से एटीएम के माध्यम से दो बार में 45 हजार रुपये निकाल लिए गए थे। खाकी पैंट और काले जूते पहने था आरोपी घटना की जानकारी पर पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज देखे थे। इसमें सुबह नौ बजे एक व्यक्ति काले जूते और खाकी पैंट पहने हुए नजर आया था। उसकी पीठ पर बैग टंगा था। वह मुंशी के कमरे से निकलते हुए दिख रहा था। इस आधार पर पुलिस ने उसकी तलाश शुरू कर दी। उसका चेहरा किसी पुलिसकर्मी से नहीं मिल रहा था। आरोपी थाने में वारदात कर ऑटो में बैठा। इसके बाद रामबाग से एक बस में बैठ गया। पुलिस ने इस बस के बारे में पता किया। सामने आया कि वह हरियाणा की तरफ गया है। इस पर सीसीटीवी फुटेज को आसपास के थानों की पुलिस के कई ग्रुप पर शेयर किया गया। इसके बाद आरोपी की पहचान हो गई। डीसीपी सिटी सैय्यद अली अब्बास ने बताया कि हरियाणा के रेवाड़ी स्थित कोसली से आरोपी वजीर सिंह को गिरफ्तार किया है। वह रेवाड़ी के ही थाना सालावास के गांव बमबोलियो का रहने वाला है। युवाओं से नाैकरी के नाम पर की थी ठगी पुलिस की पूछताछ में पता चला कि वजीर सिंह वर्ष 2001 में प्रादेशिक सेना में भर्ती हुआ था। मगर वर्ष 2006 में उसने नाैकरी छोड़ दी। बाद में वर्ष 2007 में वह हरियाणा पुलिस में सिपाही के पद पर भर्ती हो गया। आरोप है कि उसने उसने युवाओं के साथ धोखाधड़ी की। पुलिस में भर्ती कराने के नाम पर लाखों रुपये ऐंठ लिए। इस पर उसके खिलाफ वर्ष 2017 में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में केस दर्ज हुआ। इस पर उसकी गिरफ्तारी की गई। विभाग से उसे बर्खास्त कर दिया गया। उसे पुलिस की कार्यप्रणाली की खबर थी। यह पता था कि सुबह के समय रात्रि ड्यूटी करने वाले मुंशी और सिपाही अपनी बैरक में सोते हैं। इस कारण ही वो थाना परिसर में सुबह के समय घुसा। वह आगरा से पहले हरियाणा, राजस्थान और मथुरा के थानों में चोरी की वारदात कर चुका है। कहीं पुलिस पूछताछ करती है तो यही बताता है कि वह हरियाणा पुलिस में है। दबिश के लिए आया है। थाने में बैरक या कमरे में रुकने की अनुमति ले लेता था। मौका पाकर पुलिसकर्मियों के कमरों से रुपये और कीमती सामान चुरा लेता था।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Nov 10, 2025, 09:08 IST
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