Noida News: सूरजपुर वेटलैंड में नहीं जाएगा नाले का गंदा पानी

-वन विभाग ने किया समस्या का अस्थायी समाधान -नया नाला बनाकर उसे लोहिया नाले से जोड़ा गया -गंदे पानी के कारण नष्ट हो रहे थे पेड़-पौधे -पक्षियों को भी पहुंच रहा था खासा नुकसाननवीन कुमारग्रेटर नोएडा। सूरजपुर वेटलैंड में अब नाले का गंदा पानी नहीं जाएगा। इसके लिए वन विभाग ने अस्थायी समाधान कर वेटलैंड में एक नया नाला बनाया है। इसकी मदद से गंदे पानी को सीधा लोहिया नाले में डाला जा रहा है। हालांकि नाले का पानी बंद होने से वेटलैंड का जल स्तर करीब एक फीट गिर गया है। इससे वेटलैंड के सूखने का खतरा है। हालांकि विभाग ने दावा किया है कि बारिश व अन्य स्त्रोत से पानी छोड़ा जा रहा है। जल स्तर पर निगरानी रखी जा रही है। सूरजपुर वेटलैंड में हजारों की संख्या में पेड़ हैं। जबकि बड़े हिस्से में पानी भरा हुआ है। जहां हर वर्ष सर्दियों में प्रवासी के साथ-साथ निवासी पक्षियों का जमावड़ा लगता है। पिछले कई वर्ष से वन विभाग की अनदेखी के कारण वेटलैंड की स्थिति खराब हो रही थी। वेटलैंड के हजारों पेड़ भी सूख गए थे। इसका कारण वेटलैंड की वाटरबॉडी में दूषित जल को माना गया। वेटलैंड में पानी के मुख्य नाले में खोदना व देवला आदि गांव व रिहायशी क्षेत्र का दूषित पानी आ रहा है। दूषित पानी में हानिकारक केमिकल शामिल है। जो पेड़ों के साथ-साथ पक्षियों को भी नुकसान पहुंचा रहा है। इस संबंध में वन विभाग ने प्राधिकरण को कई बार पत्र लिखा है, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं हुआ है। एसटीपी बनने का इंतजार करने के बाद वन विभाग ने अब नाले के दूषित पानी को वेटलैंड में जाने से रोक दिया है। अफसरों ने बताया कि वाटर बॉडी के किनारे अस्थायी नाला बनाया है। मुख्य नाले के दूषित जल को उसमें छोड़ा जा रहा है। अस्थायी नाले से गंदा पानी लोहिया नाले में छोड़ा जा रहा है। एसटीपी बनने तक यह व्यवस्था रहेगी। -----------लिया जा रहा साफ पानी अफसरों ने बताया कि बादलपुर की तरफ किसान गंग नहर का पानी सिंचाई में प्रयोग करते है। इस कारण कुछ साफ पानी दूषित नाले में आ जाता है। साफ पानी को पाइप की मदद से वेटलैंड में छोड़ा जाता है। वहीं बारिश के पानी को भी वेटलैंड में छोड़ा जा रहा है। अन्य स्त्रोतों से भी साफ पानी वेटलैंड में पहुंचाया जा रहा है। ताकि सूखने से बचाया जा सके।-----------प्राधिकरण अब तक नहीं लगा सका एसटीपीदूषित पानी से वेटलैंड को नुकसान पहुंच रहा है। वन विभाग ने एसटीपी बनाने के लिए प्राधिकरण को पत्र लिखा है। प्राधिकरण की टीम ने निरीक्षण भी किया, लेकिन अब तक एसटीपी लगाने का काम शुरू नहीं हो सका है। लोगों का कहना है कि प्राधिकरण की लापरवाही से वेटलैंड को काफी नुकसान हो सकता है। पक्षी व वन्य जीवों को नुकसान होने के साथ पेड़ सूख रहे है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: May 10, 2025, 18:39 IST
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