जाने कैसे किराये की पिस्टल से पैरालंपिक तक पहुंचे थे दीपेंद्र

मुरादाबाद। किराये की पिस्टल से पैरालंपिक तक का सफर तय करने वाले संभल के शूटर दीपेंद्र को राज्य सरकार लक्ष्मण अवार्ड से नवाजेगी। इस पुरस्कार के लिए चयन होने के बाद उन्होंने खुशी जाहिर की है। दीपेंद्र ने कहा कि प्रदेश में मिलने वाला यह सम्मान उनके लिए बहुत महत्वपूर्ण है। ज्ञात हो कि घर में पुरखों के हथियार देखकर नन्हें दीपेंद्र में शूटिंग का शौक जागा था। घरवालों ने रोका तो उन्होंने हाथों में गुलेल थाम ली। संभल के गांव भटावली के निवासी दीपेंद्र के निशाने के गाव में चर्चे होने लगे। इसके बाद किसान पिता राजपाल ने उन्हें शूटिंग का अभ्यास कराने का मन बनाया। अपनी लगन और मेहनत के बल पर दीपेंद्र ने एशियाई पैरा शूटिंग चैंपियनशिप और विश्व पैरा शूटिंग चैंपियनशिप में पदक जीते। दीपेंद्र सिंह जब 11 माह के थे तो उनका दाहिना पैर पोलियो के कारण कमजोर हो गया था। सहारे के बिना चल नहीं पाते थे, लेकिन उनका हौसला कभी कम नहीं हुआ। वर्ष 2014 में उन्होंन अभ्यास शुरू किया। 2017 में वह देश की शूटिग टीम का हिस्सा बन गए।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 24, 2023, 13:59 IST
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