Japan: बाल जन्म दर गिरने से बिखर रहा है जापान का सामाजिक ताना-बाना

देश में जन्म दर घटने के कारण जापान के लिए सामाजिक गतिविधियों को जारी रखना कठिन होता जा रहा है। ये चेतावनी जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने दी है। देश की संसद डियेट में उन्होंने कहा- देश की अर्थव्यवस्था और समाज को टिकाऊ बनाने और उनमें सामंजस्य बनाए रखने के मकसद से अधिक बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहन को एक महत्त्वपूर्ण नीति के रूप में हम अपनाने जा रहे हैं। किशिदा ने यह एलान डिएट का सत्र शुरू होने के मौके पर अपने आरंभिक भाषण में किया। इस दौरान उन्होने देश का रक्षा खर्च बढ़ाने, उभरती अर्थव्यवस्था वाले देशों के साथ राजनयिक संबंध बढ़ाने और स्टार्ट-अप्स को प्रोत्साहित करने सबंधी नीतियों की भी चर्चा की। लेकिन सबसे ज्यादा ध्यान बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहन संबंधी उनकी घोषणा ने खींचा। जापानी मीडिया में इसी मुद्दे को सबसे ज्यादा तव्वजो दी गई है। किशिदा ने भी सोमवार को अपने 45 मिनट के भाषण में इस मुद्दे को अपना केंद्रीय विषय बनाया। हाल में यह खबर आई थी कि देश में पिछले साल बच्चों के जन्म लेने की संख्या में भारी गिरावट आई। पिछले साल जापान में आठ लाख से भी कम बच्चों ने जन्म लिया, जो एक रिकॉर्ड है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक इस वर्ष एक जनवरी को जापान की आबादी 12 करोड़ 47 लाख 70 हजार थी। यह एक जनवरी 2022 की आबादी की तुलना में 0.43 फीसदी कम है। जापान की वर्तमान आबादी में 65 साल से अधिक उम्र के लोगों की संख्या 29 फीसदी है। जबकि शून्य से 14 वर्ष उम्र के बच्चों की संख्या सिर्फ 11.6 फीसदी है। इस तरह अनुमान है कि आने वाले वर्षों में जापान की आबादी में और गिरावट आएगी। इस वर्ष जारी हुए आंकड़ों ने देश के नीति निर्माताओं में गहरी चिंता पैदा की है। विशेषज्ञों के मुताबिक जनसंख्या के ताजा ट्रेंड का मतलब है कि जापान में श्रमिकों की संख्या घटेगी, जबकि सामाजिक सुरक्षा प्राप्त करने वाले बुजुर्ग लोगों की संख्या बढ़ रही है। आलोचकों का कहना है कि प्रधानमंत्री किशिदा ने अपने भाषण में चिंता तो खूब जताई, लेकिन बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहन संबंधी उनकी घोषणा नाकाफी है। किशिदा ने पिछले साल जून में तीन तरह के प्रोत्साहन की बात की थी। इसके तहत आर्थिक सहायता देने, बाल पालन-पोषण संबंधी सेवाओं का विस्तार करने और आम कामकाज की शैली में सुधार की बात कही कई थी। तब उन्होंने कहा था कि उनकी सरकार बाल देखभाल संबंधी बजट को बढ़ा कर दोगुना कर देगी। किशिदा ने कहा- जन्म दर में आ रही गिरावट को रोकने के लिए मैं अभूतपूर्व उपाय लागू करूंगा। उससे सभी लोग बच्चों के पालन-पोषण में भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित होंगे, भले वे जिस उम्र या लिंग के हों। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार माता-पिता, युवा लोगों और चाइल्ड केयर सर्विस प्रोवाइडर्स के सुझावों को गौर से सुनेगी। लेकिन इन मकसदों के लिए असल में क्या किया जाएगा, यह उन्होंने नहीं बताया। वेबसाइट निक्कईएशिया.कॉम की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस समस किशिदा की लोकप्रियता काफी गिरी हुई है। इसकी वजह महंगाई और उनकी सरकार की रक्षा नीति के प्रति बढ़ता रहा असंतोष है। आबादी संबंधी उनकी घोषणा से ये रुझान पलट पाएगा, इसकी संभावना नहीं है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 25, 2023, 17:10 IST
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