North-East: क्या नॉर्थ-ईस्ट में वाकई BJP का लहराया परचम? चुनाव परिणाम तो कह रहे कुछ और ही कहानी
नॉर्थ-ईस्ट के तीनों चुनावी राज्यों (त्रिपुरा, नगालैंड और मेघालय) में भाजपा या उसके सहयोगी दलों की जीत हो चुकी है और वह एक बार फिर सरकार बनाने की तैयारी कर रही है। भाजपा पुरजोर तरीके से इसे अपनी जीत बता रही है, लेकिन चुनाव परिणामों को ध्यान से देखें, तो इसमें भी उसके लिए बड़ी चेतावनी छिपी हुई है। त्रिपुरा में भाजपा की कुल सीटों के साथ उसके मत प्रतिशत में भी गिरावट आई है। नागालैंड में उसकी सीटों में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई, जबकि उसकी सहयोगी एनडीपीपी सीटों के साथ मत प्रतिशत बढ़ाने में भी सफल रही है। मेघालय में भाजपा को केवल दो सीटों पर सफलता मिली, जबकि उसने सभी सीटों पर चुनाव लड़ा था। इसी मेघालय चुनाव में उसने जिस सत्तारूढ़ सहयोगी दल एनपीपी से चुनाव के अंतिम समय में गठबंधन तोड़ लिया था, उसकी सीटों और मत प्रतिशत दोनों में शानदार बढ़ोतरी हुई है। ऐसे में यह प्रश्न किया जा सकता है कि यह जीत किसकी है और इस जीत का असली हकदार कौन है त्रिपुरा का हाल कभी वामपंथी दलों का गढ़ रहे त्रिपुरा में भाजपा गठबंधन ने लगातार दूसरी बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने में सफलता हासिल की है। गठबंधन को राज्य में 33 सीटों पर जीत मिली है। अकेले भाजपा को त्रिपुरा की 60 सदस्यीय विधानसभा में 32 सीटों पर सफलता मिली है। उसे 38.97 फीसदी (985,797) वोट हासिल हुए हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में उसे 43.59 फीसदी वोट शेयर के साथ 36 सीटों पर सफलता मिली थी। उस चुनाव में भाजपा को कुल 10,25,673 लोकप्रिय वोट हासिल हुए थे। यानी इस चुनाव में भाजपा को केवल चार सीटों का ही नुकसान नहीं हुआ है, बल्कि उसके वोट प्रतिशत के साथ-साथ लोकप्रिय वोटों में भी कमी आई है। इसे टिपरा मोथा पार्टी का असर कहा जा सकता है। सहयोगी दल को भारी नुकसान से नहीं बचा सके मोदी भाजपा का दावा है कि 'मोदी इफेक्ट' के कारण पूर्वोत्तर में सहयोगी दलों को भी लाभ हुआ है। लेकिन त्रिपुरा में भाजपा की सहयोगी आईपीएफटी को टिपरा मोथा पार्टी के कारण भारी नुकसान हुआ है। आईपीएफटी को केवल एक सीट पर सफलता मिली है और उसे सात सीटों का नुकसान हुआ है। उसे 1.26 फीसदी वोट शेयर के साथ 31,838 वोट प्राप्त हुए हैं, जबकि इसी चुनाव में त्रिपुरा के मतदाताओं ने नोटा को उससे ज्यादा 34,449 (1.36 फीसदी) मत दिए हैं। भाजपा के लिए खतरा 2019 में गठित टिपरा मोथा पार्टी को इस चुनाव में 19.7 फीसदी वोट शेयर के साथ 13 सीटें हासिल हुई हैं। वह प्रमुख विपक्षी दल के रूप में उभरी है। पूर्वोत्तर राज्यों का चरित्र अचानक में बड़े बदलाव वाला रहा है। यहां कभी मुख्यमंत्री तो कभी पूरा विपक्ष ही पाला बदलते रहे हैं। बेहद मामूली बढ़त के साथ इस बार सरकार बनाने जा रही भाजपा को नॉर्थ-ईस्ट के इस चरित्र को ध्यान में रखते हुए कहीं ज्यादा सतर्क रहने की आवश्यकता है। उसे अपने बहुमत को स्थायित्व देने के लिए टिपरा मोथा से सांठगांठ बनाकर रखनी पड़ेगी। लेकिन इसके लिए वह टिपरा मोथा की वृहत्तर राज्य की मांग से कितना सहमत हो पाएगी, यह देखने वाली बात होगी। नागालैंड का हाल इस पहाड़ी राज्य में भी भाजपा गठबंधन को पूर्ण बहुमत (37 सीटें) हासिल हो गया है। भाजपा को 12 सीटों पर सफलता मिली है। 18.81 फीसदी वोट शेयर के साथ उसे कुल 215,336 मत हासिल हुए हैं। पिछले चुनाव में भी भाजपा को 12 सीटों पर सफलता मिली थी। उसे 15.3 फीसदी वोट हासिल हुए थे। इस प्रकार नागालैंड में भाजपा को वोट शेयर के मामले में 3.51 फीसदी की बढ़त हुई है। भाजपा की सहयोगी एनडीपीपी (नेशनल डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी) को इस चुनाव में 25 सीटें हासिल हुई हैं और वह सबसे बड़े दल के रूप में उभरी है। पिछले चुनाव में उसे 18 सीटों पर जीत मिली थी। इस प्रकार सही मायने में नागालैंड में असली बढ़त एनडीपीपी को मिली है। हालांकि, सरकार में सहयोगी रहने के कारण भाजपा भी इस बढ़त पर अपना दावा ठोंक रही है। मेघालय में अकेले उतरी था भाजपा भाजपा ने पांच साल सत्ता में रहने के बाद चुनाव के समय एनपीपी से नाता तोड़ लिया था और उसने अकेले दम पर चुनाव में उतरने का निर्णय किया था। मेघालय की सभी 60 सीटों पर चुनाव लड़ने के बाद भी उसे केवल दो सीटों पर सफलता मिली। उसे 9.3 फीसदी (173,042) वोट प्राप्त हुए हैं। पिछले चुनाव में भी उसे केवल दो सीटों पर सफलता मिली थी और उसे 9.6 फीसदी वोट शेयर हासिल हुआ था। इस प्रकार मेघालय में भाजपा के वोट शेयर में आंशिक कमी आई है। एनपीपी को इस चुनाव में 26 सीटों पर सफलता मिली है और पिछले चुनाव के मुकाबले इस चुनाव में उसे पांच सीटों का लाभ मिला है। उसका वोट शेयर 20.6 फीसदी से बढ़कर 31.4 फीसदी हो गया है। सही मायने में मेघालय की बढ़त को एनपीपी के खाते में डाला जा सकता है। हालांकि, सरकार में सहयोगी रहने के कारण भाजपा भी अब इस बढ़त को अपना बता रही है।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Mar 03, 2023, 14:51 IST
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