Lucknow News : सख्ती के बाद भी शहरों में बढ़ रहे अवैध निर्माण, गोरखपुर शीर्ष पर, आगरा दूसरे स्थान पर

शहरों में अवैध निर्माण पर अंकुश लगाने के लिए सख्त कानून हैं लेकिन अवैध निर्माण साल दर साल बढ़ता ही जा रहा है। 32 विकास प्राधिकरणों में अवैध निर्माणों की संख्या 2.43 लाख से अधिक हो गई है। इसमें गोरखपुर अव्वल और आगरा विकास प्राधिकरण दूसरे स्थान पर है। तीसरे पर प्रयागराज और चौथे पर वाराणसी है। आवास विभाग की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक सभी विकास प्राधिकरणों में वर्तमान में 2,43,416 अवैध निर्माण हैं। इनमें से 1.32 लाख अवैध निर्माणों को ध्वस्त करने और 75,206 अवैध निर्माणों के खिलाफ नोटिस जारी हो चुकी है। पर, कार्रवाई किसी पर नहीं हो सकी है। इसलिए अवैध निर्माण पर जेल भेजने तक के प्रावधान का खौफ कहीं नहीं दिख रहा है। नतीजतन हर साल अवैध निर्माण बढ़ते जा रहे हैं। ये हैं अवैध निर्माण में शीर्ष-10 प्राधिकरण गोरखपुर (29,123), आगरा (27,134), इलाहाबाद (26,275), वाराणसी (19,456), कानपुर (19,379), गाजियाबाद (18,196), बरेली (15,782), मुरादाबाद (15,671), सहारनपुर (10,807), मुजफ्फरनगर (99,89) इन शहरों में इतना अवैध निर्माण मेरठ (6,037), लखनऊ (5,963), हापुड़-पिलखुआ (5,232), अलीगढ़ (5,113), मथुरा (3,267), रायबरेली (2,632), अयोध्या-फैजाबाद (2,315), बुलंदशहर (2,200), बांदा (1,131), उन्नाव-शुक्लागंज (1,063), आजमगढ़ (1,048), खुर्जा (967), रामपुर (700), झांसी (500) और उरई (272)। विशेष प्राधिकरण क्षेत्रों में स्थिति नियंत्रित अन्य विकास प्राधिकरणों की तुलना में प्रदेश के पांच विशेष विकास प्राधिकरण क्षेत्रों में अवैध निर्माणों की स्थिति नियंत्रण में हैं। इनमें सिर्फ दो ही ऐसे शहर हैं, जहां नाममात्र के ही अवैध निर्माण हैं। इनमें मिर्जापुर-विंध्याचल में 379 और कुशीनगर में 158 अवैध निर्माण चिह्नित किए गए हैं। जबकि शक्तिनगर, चित्रकूट और कपिलवस्तु में एक भी अवैध निर्माण नहीं है। बागपत विकास प्राधिकरण में भी अवैध निर्माण का आंकड़ा शून्य है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 12, 2023, 21:40 IST
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