हाईकोर्ट: फोन से गोपनीय जानकारी चुरा ब्लैकमेल करना गंभीर अपराध, आरोपी जमानत का हकदार नहीं

लोन का प्रलोभन देकर फोन पर लिंक भेजने और फिर फोन की गैलरी से आपत्तिजनक फोटो चुराकर ब्लैकमेल करने को गंभीर अपराध मानते हुए तीन आरोपियों की नियमित जमानत की मांग को खारिज कर दिया है। चंडीगढ़ पुलिस को शिकायत मिली थी कि शिकायतकर्ता को फोन पर लोन के लिए एक लिंक मिला था। इस लिंक को खोलने के बाद उससे फोन के एक्सेस की परमिशन मांगी तो शिकायतकर्ता ने दे दी। इसके बाद उसे व्हाट्सएप पर उसकी कुछ नग्न फोटो भेजी गई और कहा गया कि यदि वह मांगी गई राशि का भुगतान नहीं करेगा तो उसकी फोटो वायरल कर दी जाएगी। इसके बाद उसने दो बार छोटी-छोटी राशि का भुगतान भी किया। पुलिस ने शिकायत के आधार पर सुनील, मधुकर व अकरम को गिरफ्तार किया था। तीनों ने जांच पर सवाल उठाते हुए नियमित जमानत के लिए हाईकोर्ट से गुहार लगाई थी। हाईकोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ताओं पर गंभीर आरोप हैं और हिरासत में उनसे पूछताछ जरूरी है। यह पता लगाना बहुत जरूरी है कि आखिर किन लोगों के इशारे पर वह ये काम कर रहे थे। कोर्ट ने कहा कि पहचान की सुगम प्रक्रिया का लाभ उठाकर यह लोग दूसरों के नाम पर सिम ले लेते हैं और इन्हें के आधार पर खाते खुलवा लेते हैं। इन सिम और खातों का प्रयोग करते हुए ही इस प्रकार के अपराध को अंजाम दिया जाता है। कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को किसी भी प्रकार की राहत से इनकार करते हुए तीनों की जमानत याचिका को खारिज कर दिया।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 08, 2023, 00:15 IST
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