पहलगाम में मारे गए पर्यटकों को शहीद घोषित करें: केंद्र ने कहा-युद्ध की दहलीज पर हैं, सब्र रखें; HC ने क्या कहा

पहलगाम में हुए आतंकी हमले में मारे गए 26 पर्यटकों को शहीद घोषित करने की मांग पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने मंगलवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। यह जनहित याचिका हाईकोर्ट के वकील आयुष आहूजा ने दायर की है। याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि जिन निर्दोष पर्यटकों की हत्या की गई, उन्हें आतंकियों ने धर्म के आधार पर निशाना बनाया। पर्यटकों ने आतंकवादियों का सैनिक की तरह सामना किया, उन्हें शहीद का दर्जा दिया जाना चाहिए। केंद्र सरकार की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल सत्यपाल जैन ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता को नहीं पता भारत सरकार क्या-क्या कदम उठा रही है। यह भी पढ़ें:Operation Sindoor:अलर्ट पर पंजाब के बाॅर्डर और एयरबेस, पठानकोट में तीन दिन स्कूल-काॅलेज बंद उन्होंने कहा कि हम संभावित युद्ध की स्थिति में हैं, इस समय ऐसे मुद्दों को उठाना उचित नहीं है। चीफ जस्टिस शील नागू ने कहा कि अगर कोई सैनिक शहीद होता है, तो उसे भी पुरस्कार देने में कम से कम एक साल का समय लगता है। याची को अभी इस मामले में सब्र रखते हुए इंतजार करना चाहिए। शहीद हिंदू घाटी घोषित करने की मांग याचिका में मांग की गई थी कि पहलगाम को स्मरणीय शहीद हिंदू घाटी पर्यटक स्थल घोषित किया जाए। चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस सुमित गोयल की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की कि क्या उन्हें शहीद घोषित करना संविधान के अनुच्छेद 226 के अंतर्गत आता है इसका कोई एक उदाहरण बताएं। यह प्रशासनिक विषय है, नीति का मामला है और इसे कार्यपालिका पर छोड़ देना चाहिए। क्या हम इसे कर सकते हैं सभी पक्षों को सुनने के बाद चीफ जस्टिस शील नागू ने कहा कि वह इस पर आदेश पारित करेंगे और कोर्ट निर्णय को सुरक्षित रख लिया।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: May 07, 2025, 08:00 IST
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