डेलॉय-फिक्की की रिपोर्ट: 2030 तक दोगुना होगा भारत का रिटेल बाजार, ई-कॉमर्स और घरेलू मांग बनेंगे विकास के इंजन
देश का खुदरा क्षेत्र 2030 तक दोगुना होकर 1.93 लाख करोड़ डॉलर का हो जाएगा। पांच साल की इस अवधि में यह क्षेत्र सालाना 10 फीसदी की रफ्तार से बढ़ेगा। 2024 में भारतीय खुदरा बाजार 1.06 लाख करोड़ डॉलर का था। डेलॉय एवं फिक्की की एक रिपोर्ट के मुताबिक, खुदरा क्षेत्र के इस रफ्तार से बढ़ने की सबसे बड़ी वजह देश का मजबूत घरेलू बाजार है। यह वैश्विक स्तर पर व्यापार में हो रहे भारी उतार-चढ़ाव से भारत को बचाने में मदद करता है। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि भारत के खुदरा और उपभोक्ता क्षेत्र में बड़ा बदलाव आ रहा है। घरेलू खरीदारी बढ़ रही है। डिजिटल तकनीक का इस्तेमाल तेजी से हो रहा है। लोग महंगे और बेहतर उत्पादों की ओर बढ़ रहे हैं। शहरों के साथ छोटे और नए बाजारों में ई-कॉमर्स का विस्तार हो रहा है। ऑनलाइन बाजार अब 73 फीसदी खरीद निर्णयों को प्रभावित कर रहे हैं। ये भी पढ़ें:-India-China Trade: भारत-चीन व्यापार शुरू होने पर दोनों को हर साल 5-6 अरब डॉलर लाभ, US टैरिफ के नुकसान की भरपाई युवाओं में 250 अरब डॉलर खर्च की क्षमता रिपोर्ट में कहा गया है, युवा पीढ़ी की 250 अरब डॉलर की खर्च करने की क्षमता के साथ बढ़ती क्रय शक्ति से घरेलू मांग को बढ़ावा मिल रहा है। साथ ही, यह ब्रांड को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विस्तार करने का आत्मविश्वास भी दे रहा है। इसी क्रम में आगे बढ़ते हुए देश का डी2सी (डायरेक्ट-टु-कंज्यूमर) बाजार भी 2030 तक 100 अरब डॉलर के पार पहुंच जाएगा। 2024 में यह 80 अरब डॉलर का था। डेलॉय दक्षिण एशिया के पार्टनर एवं कंज्यूमर इंडस्ट्री लीडर आनंद रमणनाथन ने कहा, भारत में युवा और डिजिटल तकनीक जानकार आबादी, मध्य वर्ग की बढ़ती ताकत और छोटे शहरों का आर्थिक प्रभाव खुदरा क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहा है। ई-कॉमर्स लेनदेन का 60 फीसदी से ज्यादा हिस्सा इन्हीं शहरों से आ रहा है। ये भी पढ़ें:-Oil Trade: भारतीय कंपनियों ने छूट बढ़ने के बाद फिर शुरू की रूस से तेल की खरीदारी, चीन की आपूर्ति पर असर संभव
- Source: www.amarujala.com
- Published: Aug 21, 2025, 07:27 IST
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