Delhi HC: कोवाक्सिन में निवेश की सूचना न देने पर चुनौती याचिका दायर, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को बनाया पक्ष

दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को भारत बायोटेक और केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय को सूचना के अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के तहत भारत के स्वदेशी कोवाक्सिन को विकसित करने में निवेश और लागत के बारे में जानकारी मांगने वाली दो याचिकाओं में पक्षकार बनाया है। न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) के व्यापार रहस्य, बौद्धिक संपदा और भारत की संप्रभुता और अखंडता का हवाला देते हुए इन विवरणों को प्रदान करने से इनकार करने के आदेश को चुनौती देने वाली तीन याचिकाओं पर सुनवाई कर रही हैं। भारत बायोटेक और परिवार कल्याण मंत्रालय को पहले इनमें से केवल एक याचिका में प्रतिवादी बनाया गया था। अदालत ने मामले की सुनवाई 16 मार्च तय की है। न्यायालय ने कहा कि वे दोनों ही सभी दलीलों में आवश्यक प्रतिवादी हैं और इसलिए सभी याचिकाओं में पार्टियों का एक सामान्य ज्ञापन दायर किया जाना चाहिए। भारत बायोटेक की ओर से पेश वकील ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता एडवोकेट टी प्रशांत रेड्डी को केंद्र सरकार ने भारत के हितों के खिलाफ काम करने के लिए फटकार लगाई है और वह कोविड-19 महामारी के बारे में भी गलत सूचना फैला रहे हैं। रेड्डी की वकील, एडवोकेट स्वाति सुकुमार ने दावे को चुनौती दी और कहा कि ये टिप्पणियां गाम्बिया में बच्चों की मौत के संबंध में थीं, जिन्होंने भारतीय खांसी की दवाई पी थी न कि कोविड-19 महामारी या टीके को लेकर। अदालत ने भारत बायोटेक की ओर से पेश वकील से कहा कि केंद्र द्वारा रेड्डी को जारी किए गए नोटिस को रिकॉर्ड पर रखा जाए। खंडपीठ ने इस दलील पर भी गौर किया कि सीआईसी ने याचिकाकर्ता को जानकारी देने से इनकार कर दिया।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 10, 2023, 06:41 IST
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