Haryana: दीपक रंगा ने मोबाइल छीनने से की थी अपराध की शुरुआत, पंजाब में ग्रेनेड हमले का है मुख्य आरोपी

एनआईए ने नेपाल सीमा से मोहाली में पंजाब के इंटेलिजेंस ऑफिस पर आरपीजी अटैक मामले में आरोपी दीपक रंगा को गिरफ्तार किया है। दीपक रंगा झज्जर जिले के सुर्खपुर गांव का रहने वाला है। 18 साल की उम्र में झज्जर बाईपास पर मोबाइल छीनने के आरोप में दीपक रंगा पर पहला आपराधिक मामला दर्ज हुआ था। वर्ष 2018 में उसने अपने तीन साथियों के साथ मिलकर एक व्यक्ति से उसका मोबाइल छीना था। 2 नवंबर 2018 को उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। परिजनों ने बताया कि 12वीं कक्षा तक स्कूल में छोटे-मोटे झगड़े होते थे। फोन छीनने का आरोप सिद्ध होने के बाद उसे अदालत की ओर से जिला कारागार में भेजा गया था। दीपक के ताऊ ने जमानत करवाई। अदालत में दो सुनवाई पर जाने के बाद वह आगे पेश नहीं हुआ। उसके बाद से वह फरार चल रहा था। दीपक रंगा की जमानत करवाने पर ताऊ नरेश पर अदालत की ओर से दो हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था। मौजूदा समय में 18 गज के मकान में दीपक की मां, छोटी बहन और छोटा भाई रह रहे हैं। 2018 के बाद से वह अपने गांव और घर पर नहीं आया है। वर्ष 15 दिसंबर 2021 में अदालत ने उसे भगौड़ा घोषित कर दिया था। बताया जा रहा है कि रोहतक के सांपला थाने में भी सितंबर 2019 में उसके खिलाफ लूट आदि के दो मामले दर्ज बताए जा रहे हैं। परिजनों ने बताया कि कोई दिन ऐसा नहीं जाता था कि पुलिस उसकी तलाश के लिए न आती हो। डेंगू से हुई थी पिता की मौत वहीं दीपक के पिता सुरेश की वर्ष 2012 में डेंगू के कारण निजी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। सुबह परिजनों को दीपक की गिरफ्तारी का पता लगा। उसके बाद उसकी मां अपने मायके खरखौदा चली गई। पुलिस का कहना है कि उसके खिलाफ एक जनवरी को अंबाला में भी किसी व्यक्ति की हत्या करने का मामला दर्ज हुआ है। दीपक रंगा को बुधवार सुबह गोरखपुर से गिरफ्तार किया गया राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बुधवार को कहा कि पिछले साल पंजाब पुलिस खुफिया मुख्यालय पर ग्रेनेड हमले के मुख्य शूटर को उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार कर लिया गया है। एनआईए के प्रवक्ता ने बताया कि झज्जर, हरियाणा निवासी दीपक रंगा को बुधवार सुबह गोरखपुर से गिरफ्तार किया गया। अधिकारियों ने बताया कि रंगा रॉकेट से दागे गए ग्रेनेड हमले के बाद से फरार था। उन्होंने बताया कि रंगा कनाडा स्थित गैंगस्टर से आतंकी बने लखबीर सिंह संधु उर्फ लांडा और पाकिस्तान स्थित गैंगस्टर से आतंकी बने हरविंदर सिंह संधु उर्फ रिंदा का करीबी था। पुलिस मुख्यालय पर हमले के अलावा रंगा हत्या सहित कई अन्य आतंकी और आपराधिक वारदातों में शामिल रहा है। अधिकारियों ने कहा कि रंगा को रिंदा और लांडा से बड़े पैमाने पर पैसा और लॉजिस्टिक सहयोग मिल रहा था। आतंकी नेटवर्क के 19 लोग गिरफ्त में दरअसल इसका खुलासा होने पर कि विदेश में बैठे आतंकी संगठनों और संगठित अपराध के सरगना उत्तर भारत में आतंकी गतिविधियां चला रहे हैं, तब एनआईए ने स्वत: संज्ञान लेते हुए 20 सितंबर को मामला दर्ज किया था। एजेंसी को जांच में यह भी पता चला था कि गैंग्स्टर और तस्करों का नेटवर्क सीमापार से हथियारों और विस्फोटकों आदि की तस्करी में भी लिप्त था। एनआईए के प्रवक्ता ने कहा है कि इस मामले में इस नेटवर्क के अब तक 19 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। गृह मंत्रालय ने कनाडा स्थित अर्श दल्ला को 9 जनवरी को आतंकी घोषित किया था। प्रवक्ता ने कहा कि आतंकी-गैंग्स्टर और तस्करों के नेटवर्क को तोड़ने के लिए एजेंसी कार्रवाई कर रही है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 25, 2023, 23:57 IST
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