Winter Session: मणिपुर में जल प्रदूषण कानून पर बहस राजनीति में बदली, राष्ट्रपति शासन हटाने की मांग तेज
संसद में मंगलवार को मणिपुर में जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) संशोधन अधिनियम, 2024 लागू करने पर चर्चा शुरू हुई, लेकिन यह चर्चा जल्द ही कानून से हटकर राष्ट्रपति शासन और चुनाव की मांग पर तीखी राजनीतिक बहस में बदल गई। विपक्षी सदस्यों ने कहा कि मणिपुर में लोकतंत्र को सस्पेंड कर दिया गया है और अब संसद राज्य विधानसभा की भूमिका निभा रही है। विपक्ष का सवाल- कानून पास करेंगे या लोकतंत्र बहाल करेंगे टीएमसी सांसद सुष्मिता देव ने कहा कि जो काम मणिपुर विधानसभा को करना चाहिए था, वह संसद कर रही है क्योंकि राज्य में राष्ट्रपति शासन जारी है और विधानसभा ठप पड़ी है। उन्होंने कहा, 'मणिपुर में लोग राहत शिविरों में हैं, आंतरिक रूप से विस्थापित लोग राजभवन के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं। ऐसे समय में सरकार जल प्रदूषण एक्ट लागू करने की बात कर रही है असली मदद है - चुनाव कराना।' यह भी पढ़ें - Supreme Court: 'मैं डिप्रेशन में हूं', सीजेआई सूर्यकांत से बोली महिला वकील, हंगामे के बाद निकाली गई बाहर कांग्रेस ने कहा- प्रधानमंत्री वोट के लिए गए थे, लोगों के लिए नहीं कांग्रेस सांसद नीरज डांगी ने दावा किया कि मणिपुर की स्थिति बिगड़ने पर प्रधानमंत्री ने दो साल तक ध्यान नहीं दिया। उन्होंने आरोप लगाया, 'प्रधानमंत्री सिर्फ सितंबर 2025 में वोट मांगने गए। कानून-व्यवस्था पूरी तरह टूट चुकी है।' डांगी ने यह भी कहा कि संशोधन कानून में दंड के प्रावधान कमजोर किए गए हैं। विपक्षी सांसदों ने एक सुर में कहा- चुनाव कराओ इस दौरान डीएमके सांसद पी. विल्सन ने पूछा, 'आखिर कितने समय तक संसद राज्य विधानसभा की जगह काम करेगी' बीआरएस सांसद केआर. सुरेश रेड्डी और सीपीआई के वी शिवदासन ने भी कहा कि केंद्र सरकार चुनाव कराने में असफल रही है। शिवदासन ने सरकार पर हमला करते हुए कहा, 'ये कानून व्यापारिक घरानों के हित में है और केंद्र राज्यों को कमजोर कर रहा है।' शिवसेना (यूबीटी) और सपा ने कहा- 'मणिपुर को दिल्ली से मत चलाओ' वहीं शिवसेना यूबीटी की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि उनकी पार्टी बिल का समर्थन सिर्फ इस विरोध के साथ कर रही है कि मणिपुर में अभी तक चुनाव नहीं कराए गए। जबकि समाजवादी पार्टी की सांसद जया अमिताभ बच्चन ने कहा, 'अगर आप मणिपुर के लोगों को चुनाव और अधिकार दें, तो वे खुद नदियों को साफ रखेंगे। उन्हें दिल्ली से नियंत्रित मत करो।' यह भी पढ़ें - Karnataka: शिवकुमार पहुंचे दिल्ली तो फिर बढ़ीं सत्ता परिवर्तन की अटकलें, सिद्धारमैया बोले- बुलावा आएगा एनसीपी-एसपी और आप की चिंता- प्रदूषण और भ्रष्टाचार इस दौरान एनसीपी की सांसद फौजिया खान ने कहा, 'देश में प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों में भ्रष्टाचार चरम पर है। नियमों को सख्ती से लागू करना जरूरी है।' जबकि आम आदमी पार्टी की सांसद स्वाति मालीवाल ने यमुना सफाई के लिए विशेष फंड और बड़े स्तर पर एसटीपी लगाने की मांग की। सरकार बोली- हम थोप नहीं रहे, मदद कर रहे हैं भाजपा सांसद राम चंद्र जांगड़ा ने कहा कि केंद्र सरकार की नीयत राज्यों पर फैसला थोपने की नहीं है और सरकार ने जल स्रोतों को साफ करने की कोशिश की है। वहीं शंभू शरण पटेल ने विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि, 'गृह मंत्री मणिपुर में 137 दिन रुके थे और प्रधानमंत्री भी वहां जा चुके हैं।'
- Source: www.amarujala.com
- Published: Dec 03, 2025, 16:16 IST
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