सीमेंट पर संकट: विवाद सुलझने के आसार कम दो दिन बाद स्पष्ट होगी स्थिति

हिमाचल में दाड़लाघाट और बरमाणा प्लांटों से सीमेंट की ढुलाई के रेट तय करने को लेकर उठे विवाद के सुलझने के आसार कम ही हैं। आगामी दो दिन बाद ही सीमेंट ढुलाई रेट पर स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। मालभाड़ा तय करने में नए और पुराने ट्रकों की औसत कीमत आंकने पर अभी तक पेच फंसा हुआ है। हिमकान ने ट्रकों की जो औसत कीमत आंकी है, उस पर यूनियनों के प्रतिनिधियों ने सवाल उठाए हैं। विवाद सुलझाने के लिए गठित उप समिति को सौंपी गई हिमकान की रिपोर्ट में नए और पुराने ट्रकों की औसत कीमत मालभाड़ा तय करने में शामिल की गई है। इससे विवाद अभी सुलझ नहीं पाया है। हिमकान ने सीमेंट ढुलाई करने वाले ट्रकों की औसत कीमत नए और 15 साल पुराने ट्रक के हिसाब से आंकी है। यूनियन के प्रतिनिधियों ने उप समिति के समक्ष दलील दी है कि सीमेंट ढुलाई में लगे ट्रक 15 साल तक रूट पर नहीं चलाए जाते। ट्रक की औसत कीमत आंकते समय ट्रक की अधिकतम दस साल अवधि गिनी जाए। हिमाचल परिवहन प्राधिकरण के सचिव और सीमेंट ढुलाई किराया विवाद सुलझाने के लिए गठित उप समिति के सदस्य सचिव घनश्याम कहते हैं कि अब इस मामले में प्रदेश सरकार ही अंतिम फैसला लेगी। जिला सोलन ट्रक ऑपरेटर यूनियन के कोषाध्यक्ष राम सिंह बंसल कहते हैं कि सरकार से अभी ट्रक मालिकों के प्रतिनिधियों को बैठक के लिए कोई न्योता नहीं मिला है। हिमकान की रिपोर्ट में ट्रकों की औसत कीमत नए और पुराने ट्रकों के आधार पर 15 साल के हिसाब से आंकी गई है जबकि दस साल बाद नया ट्रक सीमेंट ढुलाई में लगाते हैं। अधिकतम 15 साल पुराने ट्रकों के आधार पर औसत कीमत लगाने से ट्रक मालिकों को आर्थिक नुकसान है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 14, 2023, 22:43 IST
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