Muzaffarnagar News: दोषी हमलावर को 10 साल की सजा, 27 हजार का अर्थदंड

- जिला जज चवन प्रकाश ने मिथ्या साक्ष्य देने पर एक गवाह को दिया नोटिसअमर उजाला ब्यूरोमुजफ्फरनगर। जिला जज चवन प्रकाश ने जानलेवा हमले के मामले में हमलावर को दोषी करार देते हुए 10 साल के कारावास और 28 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। मिथ्या साक्ष्य देने पर स्वत: सज्ञान लेते हुए नोटिस जारी किया है।जिला शासकीय अधिवक्ता राजीव शर्मा ने बताया शामली जनपद के कोतवाली थाना क्षेत्र में चार अक्तूबर वर्ष 2014 में धारदार हथियारों से जानलेवा हमला कर सादिक खान पर हमला कर घायल कर दिया था। मामले में पुलिस ने कालू उर्फ हुक्का के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र भेजा। जिला जज की अदालत ें मामले का सत्र परीक्षण हुआ। अदालत ने दोषी कालू उर्फ हुक्का निवासी मोहल्ला नौकुआं मोमीनपुरा शामली को 10 साल की सजा और 27 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई। अदालत ने अर्थदंड की धनराशि में से 10 हजार रुपये घटना के चुटैल सादिक को अदा करने का आदेश पारित किया है। इसके अलावा अदालत ने साक्षी नंबर दो के रूप में नौकुआं रोड शामली निवासी मोहम्मद नाजिम खान को मिथ्या साक्षी देने के आरोप में संज्ञान लिया है। उसके खिलाफ सीआरपीसी की धारा 344 के तहत नोटिस जारी करने का आदेश निर्गत किया है। छेड़छाड़ के दोषी को तीन साल की सजामुजफ्फरनगर। अदालत ने छेड़छाड़ के दोषी युवक को तीन साल की सजा और 18 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है।विशेष लोक अभियोजक मनमोहन वर्मा और दिनेश शर्मा ने बताया शाहपुर थाना क्षेत्र के गांव में अक्तूबर वर्ष 2014 में पीड़िता के साथ छेड़छाड़ की घटना की नामजद रिपोर्ट दर्ज हुई थी। विवेचना के बाद पुलिस ने कस्बा शाहपुर के विपिन के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया। मुकदमे की सुनवाई विशेष अपर सत्र न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) बाबूराम की अदालत में हुई। दोनों पक्षों की तर्क सुनने के बाद न्यायाधीश ने दोषी करार देते हुए विपिन को तीन साल की सजा और अर्थदंड से दंडित किया। संवादहत्या के मामले में महिला सहित पांच बरीमुजफ्फरनगर। अदालत ने साक्ष्यों के अभाव में हत्या के मुकदमे में महिला सहित पांच आरोपियों को दोष मुक्त कर दिया। बचाव पक्ष के अधिवक्ता कामरान हसनैन ने बताया भोपा थाना क्षेत्र में वर्ष 2009 में भोकरहेड़ी निवासी पूरण सिंह की हत्या कर दी गई थी। मुकदमा महिला सहित पांच के खिलाफ थाने में दर्ज कराया गया। पुलिस ने विवेचना के बाद भोकरहेड़ी निवासी जयराम, ऋषिपाल, आदेश पाल, शशीपाल और जयराम की पत्नी उमेश के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया। सत्र परीक्षण के दौरान अपर सत्र न्यायालय (एससीएसटी एक्ट) के पीठासीन अधिकारी रजनीश कुमार की अदालत में अभियोजन पक्ष की ओर 10 गवाह प्रस्तुत किए गए। अदालत ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद साक्ष्य के अभाव में पांचों आरोपियों को बरी कर दिया। बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता कामरान हसनैन, शबी मोहम्मद और दानिश रियाज ने पैरवी की। संवाद

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Dec 24, 2022, 00:15 IST
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