दिल्ली का स्थापना दिवस: संवैधानिक जन्मदिन, लेकिन इतिहास हजारों साल पुराना

-सवाल यह नहीं कि दिल्ली कब बसी, बल्कि यह कि उसकी सरकारी उम्र आखिर एक नवंबर 1956 से क्यों गिनी जाती हैविनोद डबासनई दिल्ली। भारत के नक्शे पर हर राज्य का स्थापना दिवस उसके गठन की तिथि से तय है और एक नवंबर को मध्य प्रदेश, कर्नाटक, केरल, पंजाब, हरियाणा और छत्तीसगढ़ आदि राज्य अपने-अपने स्थापना दिवस मनाते हैं। इसी तारीख को दिल्ली का अपना स्थापना दिवस है। यह एक ऐसा शहर, जो किसी राज्य की तरह कभी गठित हुआ ही नहीं, बल्कि सदियों से अस्तित्व में है। यह विरोधाभास ही दिल्ली को सबसे दिलचस्प बनाता है कि एक ऐसा शहर जो हजारों वर्षों से बसा हुआ है, मगर उसका जन्मदिन सिर्फ 69 साल पुराना है।इतिहासकारों का मानना है कि दिल्ली दुनिया के सबसे पुराने निरंतर बसे हुए नगरों में से एक है। महाभारत काल में इसे इंद्रप्रस्थ कहा गया। उसके बाद तुगलक, खिलजी, लोधी और मुगलों ने अपनी-अपनी नई दिल्ली बसाई। शाहजहां ने इसे शाहजहांनाबाद बनाया तो अंग्रेजों ने 1911 में इसे राजधानी घोषित किया और एडविन लुटियंस की योजना पर आधुनिक दिल्ली बसाई, जो 1931 में ब्रिटिश भारत की नई राजधानी बनी। लेकिन संविधान लागू होने के बाद यह सवाल उठा कि दिल्ली का प्रशासनिक स्वरूप राज्य, नगर या केंद्र का अधीन क्षेत्र तय किया जाए। एक नवंबर 1956 को भारत में राज्यों का पुनर्गठन अधिनियम, 1956 लागू हुआ। इसके तहत भाषाई और प्रशासनिक आधार पर राज्यों की नई सीमाएं तय की गईं। इसी अधिनियम में दिल्ली को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा मिला। इससे पहले दिल्ली एक मुख्य आयुक्त का प्रांत थी, यानी न तो राज्य और न ही पूरी तरह केंद्र शासित क्षेत्र थी और उस दिन दिल्ली को जो कानूनी और प्रशासनिक पहचान मिली, उसे ही बाद में स्थापना दिवस माना गया।खास बात यह है कि दिल्ली के स्थापना दिवस को अब तक न तो सरकारी स्तर पर व्यापक रूप से मनाया गया, न ही आम जनता को इसकी जानकारी रही। लेकिन इस वर्ष दिल्ली की भाजपा सरकार ने इस दिन को नया आयाम देने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने एक नवंबर को दिल्ली का नया आधिकारिक लोगो जारी करने का ऐलान किया। इसके बाद दिल्ली के अधिकतर निवासियों के बीच दिल्ली के स्थापना दिवस की तिथि को लेकर बहस छिड़ गई और जब उनको मालूम हुआ कि आखिर एक नवंबर को दिल्ली का स्थापना दिवस क्यों है।दिल्ली की तारीखों में छिपा विकास का सफरवर्षघटना1911ब्रिटिश सरकार राजधानी कोलकाता से दिल्ली लाई1931नई दिल्ली औपचारिक रूप से राजधानी घोषित1947स्वतंत्र भारत में दिल्ली बनी चीफ कमिश्नर प्रांत1956राज्यों के पुनर्गठन अधिनियम से दिल्ली बनी केंद्र शासित प्रदेश1991दिल्ली को मिला राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का दर्जा2025दिल्ली सरकार ने स्थापना दिवस पर नया लोगो जारी करने की घोषणा की

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Nov 01, 2025, 21:08 IST
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