Shimla News: चुनिंदा कंपनियों के जीपीएस खरीदने से मिलेगा छुटकारा

शिमला। टैक्सियों में परिवहन विभाग की ओर से अधिकृत कंपनी का महंगा जीपीएस लगाने की बाध्यता से जल्द ही टैक्सी ऑपरेटरों को राहत मिल सकती है। ऑल हिमाचल कामर्शियल व्हीकल ज्वाइंट एक्शन कमेटी की मांग पर मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने यह आश्वासन दिया है। सीएम ने कहा है कि सरकार टैक्सी ऑपरेटरों के हितों की रक्षा करेगी। संबंधित अधिकारियों से चर्चा के बाद जल्द इसे लेकर राहत दी जाएगी। परिवहन विभाग की ओर से अधिकृत कंपनियां टैक्सियों में जीपीएस लगाने के एवज में 13,000 से 15,000 रुपये वसूल रही हैं, जबकि यही जीपीएस चंडीगढ़ और दिल्ली की कंपनियां सिर्फ 2,500 से 3,500 में उपलब्ध करवा रही है।इसी मामले में कमेटी का प्रतिनिधिमंडल अध्यक्ष राजेंद्र कुमार की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री से मिला और उन्हें टैक्सी व्यवसाय से जुड़े लोगों की परेशानियों से अवगत करवाया। राजेंद्र कुमार ने बताया कि परिवहन विभाग की ओर से अधिकृत कंपनियाें का जीपीएस न सिर्फ महंगा है, बल्कि इसका रिचार्ज भी 3,200 रुपये सालाना है। इसके अलावा नए मोटर व्हीकल एक्ट के तहत 50 और 100 रुपये के चालान अब 500 और 1000 रुपये किए जाने की समस्या से भी मुख्यमंत्री को अवगत करवाया है। कोरोना काल में भारी नुकसान झेल चुके टैक्सी ऑपरेटरों को टैक्सी परमिट की अवधि बढ़ाकर राहत देने की भी मांग की है। इसके अलावा शिमला शहर में टैक्सियों के प्री पेड बूथ स्थापित करने की पूर्व कांग्रेस सरकार की बीते 5 सालों से लंबित योजना को जल्द से जल्द अमलीजामा पहनाने की भी मांग उठाई है। प्रतिनिधिमंडल में सुनील ठाकुर, प्रवीण भारद्वाज, भूपेंद्र सिंह, मदन लाल, कमलेश कुमार, मनोहर सिंह और बाबू राम भी मौजूद रहे।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 14, 2023, 23:48 IST
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