Ujjain News: अमानवीय व्यवहार की शिकायत पर सीएमएचओ के निर्देश- पामेचा अस्पताल का लाइसेंस 10 दिन के लिए सस्पेंड

पिछले दिनों अकेली महिला को पति का शव सौंपकर रात में अस्पताल से बाहर करने के आरोप के मामले में प्रशासन ने पामेचा अस्पताल पर कार्रवाई की है। अस्पताल का लाइसेंस दस दिनों के लिए सस्पेंड किया है। इस दौरान वे नए मरीज को अस्पताल में भर्ती नहीं कर पाएंगे। बताया जाता है कि आदेश में यह स्पष्टरूप से लिखा है कि अब पामेचा अस्पताल में 10 दिनों तक नए मरीजों का इलाज नहीं हो पाएगा। शुक्रवार सुबह पामेचा अस्पताल में आम दिनों की ही भांति मरीजों का इलाज चल रहा था। डॉ. वीरेंद्र पामेचा ने बताया कि उनके अस्पताल में आज पहले से भर्ती 6 मरीज का इलाज चल रहा है। जिनकी देखभाल उनकी जिम्मेदारी है। नए मरीज नहीं ले रहे हैं। अस्पताल के अंदर मेडिकल स्टोर्स चालू था। डॉक्टर भी मौजूद थे। मरीजों व परिजनों की आवाजाही सामान्य दिनों की तरह ही थी। निष्पक्ष जांच समिति गठित करने की मांग करेंगे इस बारे में पामेचा सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के संचालक डॉ. वीरेंद्र पामेचा ने बताया कि हमारे खिलाफ गलत आरोप लगे थे। बिना जांच के एकतरफा कार्रवाई की गई है। आईएमए के साथ कलेक्टर से मिलकर वस्तुस्थिति बताएंगे। साथ ही एक निष्पक्ष जांच समिति गठित करने की मांग करेंगे। ये भी पढ़ें-देख लो सरकार:नली लगी, फिर भी कार्यालय का लगा रहे चक्कर60 साल का कर्मचारी इलाज को मोहताज; सुनवाई दरकिनार इसीलिए हुई कार्रवाई सीएमएचओ डॉ. अशोक कुमार पटेल ने बताया कि जांच रिपोर्ट के आधार पर पामेचा अस्पताल का लाइसेंस 10 दिन के लिए सस्पेंड किया है। मरीजों के प्रति संवेदनाशून्य कार्रवाई करने वाले अस्पताल/डॉक्टरों पर कार्रवाई जारी रहेगी। यह है पूरा मामला इंदौर रोड पर विद्यानगर में स्थित पामेचा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर अस्पताल में शनिवार 22 नवंबर को आगर में रहने वाले एक युवक को हार्टअटैक आया था। गंभीर हालत में उसकी पत्नी उसे आगर के नवजीवन अस्पताल में लेकर गई थी। कार्डियक अरेस्ट गंभीर होने से उसे तत्काल उज्जैन रैफर कर दिया गया था। महिला पति को पामेचा सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में शाम 5 बजे लेकर आई थी। शाम 6.15 बजे मरीज की मौत हो गई। चूंकि, महिला के नजदीकी रिश्तेदार ग्वालियर में रहते हैं, ऐसे में उसने शव अस्पताल में ही रखने का निवेदन किया, लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने बॉडी रखने से इनकार कर दिया। इतना ही नहीं उन्होंने शव एंबुलेंस में रखवा दिया। अमानवीय व्यवहार अपनाते हुए अस्पताल प्रबंधन महिला की बात सुनने को तैयार नहीं हुआ। वह रोती-बिलखती सुबह तक प्रतीक्षा करने की बात कहती रही, लेकिन उसकी एक नहीं सुनी गई। इस मामले में काफी हंगामा हुआ था। इसे संज्ञान में लेकर सीएमएचओ ने जांच बैठाई और रिपोर्ट के आधार पर अस्पताल का लाइसेंस दस दिनों के लिए सस्पेंड कर दिया है। इस दौरान अस्पताल में नए मरीजों का इलाज या उनका रजिस्ट्रेशन नहीं हो सकेगा।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Nov 28, 2025, 13:50 IST
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