उत्तरी क्षेत्रीय परिषद बैठक: सीएम भगवंत मान बोले- चंडीगढ़ में पोस्टिंग में पंजाब कैडर की हो रही अनदेखी

उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की 32वीं बैठक में एक बार फिर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के समक्ष चंडीगढ़ प्रशासन में पंजाब और हरियाणा से डेपुटेशन पर आने वाले अफसरों की तैनाती को लेकर मामला उठा। पंजाब के सीएम भगवंत सिंह मान ने बैठक में कहा कि मानकों और नियमों के मुताबिक चंडीगढ़ प्रशासन में 60:40 के तहत अफसरों की तैनाती होनी चाहिए, लेकिन पंजाब कैडर के अफसरों की लगातार अनदेखी हो रही है। सीएम मान ने कहा कि पंजाब के आईएएस और पीसीएस अधिकारियों को चंडीगढ़ प्रशासन में उन विभागों में तैनात नहीं किया जा रहा है, जिन विभागों का कार्यभार पहले पंजाब कैडर के अफसर देखते थे। सीएम मान ने यह कैडर का मुद्दा उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में उठाया, इस दौरान बैठक में पंजाब के राज्यपाल एवं चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया, गृह सचिव मनदीप सिंह बराड़, डीजीपी चंडीगढ़ सागर प्रीत हुड्डा और अतिरिक्त सचिव गृह अमित कुमार भी उपस्थित रहे। सीएम ने पंजाब कैडर के अफसरों की अनदेखी के मुद्दे पर बकायदा विभागों के नाम गिनाते हुए कहा कि चंडीगढ़ प्रशासन के आबकारी, शिक्षा, वित्त और स्वास्थ्य विभाग में यूटी कैडर यानी डैनिक्स के अधिकारी चार्ज संभाल रहे हैं। यहां तक कि सीएम ने एमटी सिटको के चार्ज पर भी सवाल खड़े किए। सीएम ने कहा कि एमडी सिटको का चार्ज पंजाब कैडर के अधिकारी संभालते थे, अब यह चार्ज यूटी कैडर के अधिकारियों को साैंपा जा रहा है। बैठक में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के मुख्यमंत्रियों, दिल्ली एवं लद्दाख के उप राज्यपाल, चंडीगढ़ के प्रशासक सहित सदस्य राज्यों, केंद्र सरकार के मंत्रालयों और अंतर-राज्य परिषद सचिवालय के वरिष्ठ मंत्रियों और अधिकारियों ने भाग लिया। इस दौरान 10 नवंबर को लाल किले के पास हुए विस्फोट में जान गंवाने वालों नागरिकों के प्रति श्रद्धांजलि देते हुए दो मिनट का मौन रखा गया। 27 एजेंडा पेश, 13 बिंदुओं पर विस्तार से बातचीत परिषद की बैठक में चंडीगढ़ प्रशासन ने 27 एजेंडा पेश किये। इनमें से 13 एजेंडा पर प्रमुखता से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के समक्ष चंडीगढ़ प्रशासन ने अपना पक्ष रखा। इन विषयों में महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध लैंगिक अपराधों से संबंधित मामलों की त्वरित जांच व निस्तारण के लिए फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट, आपातकालीन प्रतिक्रिया सहायता प्रणाली ईआरएसएस-112 का प्रभावी क्रियान्वयन, ग्रामीण एवं डाक बैंकिंग सेवाओं का विस्तार और वन (संरक्षण) अधिनियम 1980 के अनुपालन जैसे मुद्दे शामिल थे। इसके अतिरिक्त शहरी नियोजन, विद्युत क्षेत्र की चुनौतियां, खाद्य सुरक्षा, बालिकाओं में कुपोषण, आयुष्मान भारत–पीएमजेएवाई, विद्यालय ड्रॉपआउट दर में कमीद और सहकार–से–समृद्धि पहल जैसे विषयों पर भी विस्तृत चर्चा हुई और इनके समाधान हेतु ठोस कार्ययोजना पर जोर दिया गया। नए आपराधिक कानूनों के तहत 91 प्रतिशत सजा दिलाई गई बैठक के दौरान चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया ने बताया कि चंडीगढ़ सुशासन का एक मॉडल बनकर उभर रहा है और विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति कर रहा है। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ तीनों नए आपराधिक कानूनों को पूर्ण रूप से लागू करने वाला पहला केंद्रशासित प्रदेश है और इस नई व्यवस्था के तहत 91 प्रतिशत अपराधों में सजा हुई हैं। प्रशासक ने यह भी रेखांकित किया कि शिक्षा मंत्रालय द्वारा प्रचेष्टा-1 श्रेणी में चंडीगढ़ को सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शनकर्ता घोषित किया गया है। खेल क्षेत्र में भी प्रशासन द्वारा पदक विजेता खिलाड़ियों को 6 करोड़ रुपये तक की सम्मान राशि तथा दिव्यांग खिलाड़ियों को विशेष सहायता प्रदान की जा रही है। चंडीगढ़ का वन क्षेत्र 47 से बढ़कर 51.4 प्रतिशत हो गया है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Nov 18, 2025, 07:51 IST
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