Report: भारत में कोविड के दौरान गरीबी बढ़ने वाले दावे झूठे, नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष ने रखे तथ्य

कोलंबिया विश्वविद्यालय में प्रोफेसर और नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने कहा है कि कोविड-19 महामारी के दौरान भारत में गरीबी और असमानता बढ़ने का दावा सरासर गलत है। पनगढ़िया ने इंटेलिंक एडवाइजर्स के विशाल मोरे के साथ मिलकर भारत में गरीबी और असमानता: कोविड-19 के पहले और बाद में शीर्षक से लिखे शोध पत्र यह दावा किया है। यह शोध कोलंबिया विश्वविद्यालय में आगामी सम्मेलन में पेश किया जाएगा। पनगढ़िया ने कहा कि भारत के संबंध में यह दावे विभिन्न ऐसे सर्वे पर आधारित हैं, जिनकी तुलना नहीं की जा सकती। पनगढ़ियों के अनुसार, वास्तव में कोविड के दौरान भारत में ग्रामीण और शहरी के साथ-साथ राष्ट्रीय स्तर पर असमानता कम हुई है। इस शोध पत्र में भारत के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के निश्चित अवधि पर होने वाले श्रमबल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) में जारी घरेलू व्यय के आंकड़ों का उपयोग किया गया है।शोध पत्र में कहा गया है कि पीएलएफएस के जरिये जो गरीबी का स्तर निकला है, वह 2011-12 के उपभोक्ता व्यय सर्वे (सीईएस) से निकले आंकड़ों और उससे पहले के अध्ययन से तुलनीय नहीं है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Mar 21, 2023, 05:34 IST
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