Gurugram News: धूमधाम से मनाई छोटी दिवाली, बाजारों में रही भीड़

सड़कों, गली मुहल्लों और बाजार में दिखी दिवाली की रौनकगुरुग्राम। जिले में रविवार को छोटी दिवाली यानि नरक चतुर्दशी का पर्व लोगों ने धूमधाम से मनाया। मान्यता है कि इस दिन घरों में यमराज की पूजा की जाती है। छोटी दिवाली पर सायं के समय लोगों ने अपने घरों के बाहर दीये जलाकर रखे, जिन्हें यम का दीपक कहा जाता है। कहा जाता है कि यमराज के लिए तेल का दीपक जलाने से अकाल मृत्यु भी टल जाती है। छोटी दिवाली को सौंदर्य और आयु प्राप्ति का दिन भी माना जाता है। भगवान श्रीकृष्ण, यमराज और शुक्र विग्रह की उपासना भी लोगों द्वारा की गई। आज के दिन ही भगवान श्री कृष्ण ने अत्याचारी नरकासुर का संहार कर 16,100 हजार कन्याओं को बंदी गृह से मुक्त कराया था। इस उत्सव को समस्त मुक्त हुई स्त्रियों ने एवं द्वारिकावासियों ने दूसरे दिन दिवाली के दिन दीप मालिका सजाकर मनाया था। दिवाली की पूर्व संध्या पर जिले के बाजारों में खरीदारोें की खासी भीड़ रही। हर वर्ग के व्यक्ति ने अपने घर दिवाली की खुशियां लाने की तैयारी में खरीदारी की। मां लक्ष्मी के शुभ पांव उनके घर में पड़े इसलिए शुभ उत्सव से जुड़ी सामग्री की खरीदारी की जा रही है। वहीं, दुकानदारों के चेहरों पर बेहतर व्यवसाय की खुशियां हैं। सड़क के किनारे दीये, खील, बताशे, पूजन सामग्री, उपहार, फूल, लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति की अस्थायी दुकानें सज गई हैं। वहीं, सोसाइटियां, दुकानें, शहर के मॉल रंगीन बत्तियों से सजे हैं। मंदिरों में दर्शनार्थियों की भीड़ है। कुछ जगहों पर दिवाली को लेकर ढोल नगाड़े बजते दिखे। इसबार लोग दिवाली का उत्सव 20 और 21 अक्तूबर दो दिन मना रहे हैंं। कई परिवारों ने धनतेरस की खरीदारी रविवार को भी की। सोने, चांदी, पीतल, कांसे, स्टील, मिट्टी के दीपक, मिट्टी के कुल्हड़, चुक्कड़ से लेकर झाड़ू तक लोग खरीदते नजर आए। सदर बाजार, सेक्टर-14, सेक्टर चार, सेक्टर-56, सेक्टर-31, सेक्टर-46, हांगकांग बाजार से लेकर एमजी रोड, सोहना रोड न्यू गुरुग्राम के मॉल में काफी भीड़ नजर आई। कमल के फूलों की मांग ज्यादा पूर्ति कम शहर के फूल बाजार में गेंदे की किस्मों, गुलाब और कमल के फूलों की खेप मौजूद है। शहर की सड़कों पर गेंदे, अशोक के पत्तों की मालाओं और गुलाब के फूलों से दुकानें सजी है। मां लक्ष्मी की पूजा के लिए कमल का फूल प्रयोग में लाया जाता है। आम दिनों में गुरुग्राम के फूल बाजार में कमल के फूलों की कीमत 60 से 80 रुपये होती है मगर रविवार की शाम पूर्ति के अनुसार विभिन्न बाजारों में कमल के फूल की कीमत 100 से 200 रुपये तक रही। गुलाब की पंखुड़िृयां 400 रुपये किलो बिक रही थी। बाजार में फूलों के साथ पत्तों की मालाओं की भी जमकर खरीदारी हुई।--------150 रुपये प्रतिकिलो से अधिक बिक रहे गेंदे के फूलदिवाली से संबंधित पांचों पर्वों पर फूलों का विशेष महत्व होता है। धनतेरस, छोटी दिवाली, बड़ी दिवाली, गोवर्धन पूजा, भाई दूज व विश्वकर्मा पूजा में फूलों की मांग बहुत अधिक बढ़ जाती है। जिले के साथ लगते फर्रुखनगर, पटौदी, हेलीमंडी आदि क्षेत्रों में फूलों की खेती बड़े स्तर पर की जाती है। किसान इन पर्वों का काफी बेसब्री से इंतजार करते हैं। शहर के महावीर चौक, सेक्टर 4/7 चौक, न्यू कालोनी मोड़, भूतेश्वर मंदिर, डीएलएफ, साऊथ सिटी, पालम विहार आदि दर्जनों क्षेत्रों में फूलों की बिक्री होती दिखाई दी। सामान्य रूप से आम दिनों में गेंदे के फूलों की बिक्री 40 से 50 रुपये प्रतिकिलो होती रही है, लेकिन त्योहारों पर गेंदे के फूलों की दरों में भी भारी वृद्धि होती दिखाई दी। 100 रुपये से 150 रुपये प्रतिकिलो से अधिक की दर से गेंदे के फूलों की बिक्री हो रही है। खरीदारों का उत्साह कम नहीं हुआ। फूलों की वृद्धि भी लोगों की धार्मिक भावनाओं को नहीं रोक सकी। फूल उत्पादकों का कहना है कि बढ़ती महंगाई का असर फूलों की खेती पर भी पड़ा है। अब लागत पहले की अपेक्षा दोगुनी हो गई है। महंगे फूल बेचना उनकी मजबूरी बन गई है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Oct 19, 2025, 19:41 IST
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