टीबी का खतरा गहरायाः शून्य से 14 साल के 634 बच्चे चपेट में, 8033 लोग पीड़ित, डॉक्टर ने बताए बचाव के तरीके

सुहागनगरी फिरोजाबाद में टीबी रोग खतरा गहरा रहा है। यह रोग मासूम बच्चों को भी अपनी चपेट में ले रहा है। वर्तमान में जिले में 8033 लोग टीबी रोग से पीड़ित है। इसमें शून्य से 14 साल तक 634 मासूम भी शामिल है। जबकि पिछले वर्ष इनकी संख्या 456 थी। यह रोग मासूमों के फेफड़ों से लेकर आंख, पेट, हड्डी, गुर्दे समेत अन्य अंगों को भी चपेट में ले रहा है। ऐसे मासूमों को लेकर प्रतिदिन परिजन जिला क्षय रोग कार्यालय आकर जांच करा रहे हैं। क्षय रोग विशेषज्ञों के अनुसार टीबी एक संक्रामक रोग है जो संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने से भी फैलता है। साथ ही कुपोषित बच्चे भी टीबी रोग का शिकार हो जाते हैं। वहीं, स्वस्थ बच्चे जब टीबी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आते हैं तो वह भी इसकी चपेट में आ जाते हैं। यदि बच्चे को दो सप्ताह या उससे अधिक समय से लगातार खांसी हो तो उसकी जांच अवश्य कराएं। विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चों में टीबी के मामले 60 फीसदी फेफड़ों से जुड़े होते है। बच्चों में टीबी के लक्षण जान पाना चुनौती वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. वरुण गुप्ता ने बताया कि बच्चों में वयस्कों की तुलना में रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कम होती है। बच्चों का अपनी उम्र के हिसाब से कम बढ़ना या वजन में कमी होना टीबी के लक्षण हो सकते हैं। अगर बच्चों की भूख, वजन में कमी, दो सप्ताह से अधिक खांसी, बुखार और रात के समय पसीना आने जैसी समस्या हो रही है, तो इन्हे अनदेखा न करें।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 22, 2023, 19:27 IST
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