Kaushambi : आर्यभट्ट अंतरिक्ष व स्टेम प्रयोगशाला में बच्चों ने पहली बार देखे इसरो के मॉडल
शिक्षण नवाचार की दिशा में टेवां गांव में बना आर्यभट्ट अंतरिक्ष एवं स्टेम प्रयोगशाला बड़ा कदम है। गांव की प्रधान बिट्टन देवी को मुख्यमंत्री पुरस्कार के रूप में मिली धनराशि से 9.98 लाख रुपये खर्च कर इसका निर्माण कराया गया है। ग्रामीण क्षेत्र में इस स्तर की प्रयोगशाला पहली बार स्थापित हुई है। यहां बच्चों को अंतरिक्ष व विज्ञान से जुड़ी तमाम जानकारी मिलती है। इतना ही नहीं इसरो के सभी प्रयोग के यहां पर मॉडल स्थापित हैं। प्राथमिक व जूनियर विद्यालय टेवां के बच्चों ने बृहस्पतिवार को पहली बार प्रयोगशाला में पहुंचकर विभिन्न वैज्ञानिक मॉडलों को देखा। यहां उन्होंने मॉडल के कार्यों को समझा। पूर्व प्रधान अश्वनी त्रिपाठी तथा व्योमिका स्पेस से आए विशेषज्ञों ने बच्चों को मॉडल समेत अन्य तकनीकी पहलुओं के बारे में बताया। बतादें कि यह प्रयोगशाला इसरो से संबद्ध संस्था व्योमिका स्पेस ने तैयार किया है। व्योमिका स्पेस के सीओई गोविंद यादव ने बताया कि छात्रों को यहां छह प्रकार की वैज्ञानिक जानकारियां दी जाती हैं। प्रयोगशाला में इसरो के प्रमुख मॉडल चंद्रयान, रॉकेट, सेटेलाइट सहित अन्य अंतरिक्ष से जुड़े मॉडलों का प्रदर्शन किया गया है। बच्चों को इनके निर्माण, संचालन और शोध प्रक्रियाओं के बारे में भी बताया गया। यहां पर खगोल विज्ञान से जुड़े मॉडल, आधुनिक टेलिस्कोप के माध्यम से चंद्र ग्रहण, सूर्य ग्रहण और अन्य खगोलीय पिंडों को देखने की भी सुविधा है। बच्चों ने इसका भी आनंद लेते हुए जानकारी ली। बच्चों ने पहली बार इतने करीब से अंतरिक्ष विज्ञान की जुड़ी चीजों को देखा। ऐसे में वह उत्साहित दिखे।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Nov 13, 2025, 19:19 IST
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