Chhath Puja 2025: नहाय खाय के साथ छठ पूजा की शुरुआत, खरना आज; बरेली में छाया महापर्व का उल्लास

सूर्य उपासना के महापर्व छठ की शुरुआत नहाय-खाय से हो गई। बरेली में रह रहे बिहार और पूर्वांचल के परिवारों ने उल्लास पूर्वक उत्सव में भाग लिया। शनिवार को सुबह से ही महिलाओं ने घर की साफ-सफाई कर स्नान किया। पहले दिन चने की दाल, लौकी की सब्जी और चावल का सेवन कर महिलाओं ने सुख, समृद्धि, वैभव और यश के लिए व्रत का संकल्प लिया। रविवार को महिलाएं खरना के बाद 36 घंटे का उपवास शुरु करेंगी। शहर के यूनिवर्सिटी कैंपस, इज्जतनगर स्थित शिव पार्वती मंदिर, बदायूं रोड, कैंट समेत तमाम जगह छठ पूजा की धूम रही। घाटों व मंदिरों को रंगबिरंगी लाइटों से सजाया गया। महिलाओं ने छठ मइया के गीत गाकर समृद्धि की कामना की। महिलाओं ने फलों की डलिया सजाई जिसमें सेब, केला, अमरूद, अनानास समेत अन्य फल सजाए गए। छठ पर्व में व्रती कई तरह के नियमों का पालन करते हुए सात्विव भोजन को तैयार करते प्रसाद के रूप में ग्रहण करने की मान्यता है। छठ पर्व के पहले दिन नहाय-खाय के साथ व्रत का संकल्प लिया जाता है। छठ के दूसरे दिन खरना प्रसाद तैयार किया जाता है। छठ पर्व के तीसरे दिन डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है जो छठ पर्व का खास दिन होता है, वहीं छठ पर्व के चौथे और आखिरी दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का पारण होता है। सकारात्मकता का पर्व है छठ पूजा ज्योतिषाचार्य पंडित राजेश शर्मा बताते हैं कि छठ पूजा का सनातन धर्म में बड़ा ही धार्मिक महत्व है। इस पर्व पर व्रती भगवान सूर्य और छठ माता से प्रार्थना करते हैं और उनके आशीर्वाद की कामना करते हैं। साथ ही लोग सूर्य के प्रति अपना सम्मान और आभार भी व्यक्त करते हैं, क्योंकि वो सभी प्राणियों को प्रकाश, सकारात्मकता और जीवन प्रदान करते हैं। माना जाता है कि यह त्योहार कृषि समाज में सूर्य के महत्व का प्रतीक है, जो जीवन और जीविका के चक्र का प्रतिनिधित्व करता है। कई मायनों में यह त्योहार सूर्य की जीवनदायी ऊर्जा के प्रति कृतज्ञता पर जोर देता है, जो फसल की वृद्धि और समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है। वेदों में सूर्य के कई संदर्भ हैं, जो प्राचीन संस्कृतियों में सूर्य के प्रति स्वास्थ्य और धन के देवता के रूप में श्रद्धा को दर्शाते हैं। बताया कि पंचांग के अनुसार खरना पूजा और प्रसाद अर्पण शाम 5:41 बजे के बाद कर सकते हैं। इस समय पूजा करने से व्रतियों को सूर्य देव और छठी मैया का अधिकतम आशीर्वाद प्राप्त होता है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Oct 25, 2025, 22:30 IST
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